इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोईद यूसुफ के एक इंटरव्यू ने विवाद खड़ा कर दिया। इंटरव्यू में उन्होंने कथित तौर पर संकेत दिया था कि अगर पश्चिमी देश तालिबान को मान्यता नहीं देते हैं तो 'दूसरे 9/11' (9/11 Attack) का जोखिम है। उनके इस बयान को लेकर ही विवाद खड़ा हो गया। हालांकि, अब उन्होंने अपने बयान से यू-टर्म ले लिया है। पाक एनएसए के कार्यालय की ओर से रविवार को जारी एक बयान में पत्रकार क्रिस्टीना लैम्ब के साथ यूसुफ के साक्षात्कार की व्याख्या को "तुच्छ" बताते हुए 'द टाइम्स' से इसे वापस लेने के लिए कहा गया।
पाक NSA के कार्यालय ने कहा कि 28 अगस्त 2021 को 'द टाइम्स' में प्रकाशित "Work with the Taliban or Repeat the Horror of the 1990s, West Told," शीर्षक वाली न्यूज स्टोरी में यूसुफ के साक्षात्कार की गलत व्याख्या की गई। गौरतलब है कि इंटरव्यू में युसूफ ने कहा था, "मेरे शब्दों को चिह्नित करो। यदि 90 के दशक की गलतियों को दोहराया जाता है और अफगानिस्तान को अकेला छोड़ दिया जाता है, तो परिणाम बिल्कुल वही होगा, अवांछित तत्वों से भरा एक सुरक्षा शून्य, जो पाकिस्तान और पश्चिम सभी को धमकी देगा।"
पाक एनएसए के कार्यालय ने ब्रिटिश प्रकाशन की खबर को पत्रकार लैम्ब और यूसुफ के बीच हुई बातचीत का "घोर गलत वर्णन" करार दिया। यूसुफ के कार्यालय ने आगे कहा कि 'जैसा लेख में कहा गया, उन्होंने किसी भी बिंदु पर यह नहीं कहा कि पश्चिम (Western countries) को तालिबान को 'तुरंत मान्यता' देनी चाहिए। न ही तालिबान की औपचारिक "मान्यता" के संदर्भ में दूसरे 9/11 की कोई "चेतावनी" दी थी।'
बता दें कि कई विशेषज्ञ और अधिकांश अफगान मानते हैं कि अफगानिस्तान में सरकारी बलों के खिलाफ तालिबान की आक्रामक प्रगति के पीछे इस्लामाबाद है और इस्लामाबाद हर संभव मोर्चों पर आतंकवादी समूह की सहायता करता रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के NSA मोईद यूसुफ के इंटरव्यू के बाद विवाद होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
(इनपुट- ANI)