कराची. सुरक्षा खतरे के बावजूद पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दलों के महागठबंधन ने प्रधानमंत्री इमरान खान को अपदस्थ करने के अभियान के तहत रविवार को क्वेटा में सरकार-विरोधी रैली की दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय किया है । विपक्षी गठबंधन आरोप लगाया है कि खान को सेना ने दो साल पहले चुनाव में गड़बड़ी कर सत्तासीन किया था। ग्यारह दलों का पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नामक यह गठबंधन 20 सितंबर को बनाया गया था।
गठबंधन में शामिल दल बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में इस महीने तीसरी बार रैली करेंगे। इससे पहले यह गठबगंधन इस महीने गुजरांवाला और कराची में सफल शक्ति प्रदर्शन कर चुका है। राष्ट्रीय आतंकवाद-निरोधक प्राधिकरण ने सुरक्षा के दौरान सुरक्षा अलर्ट जारी किया और चेातवनी दी कि उसे ‘पक्की सूचना’ मिली है कि क्वेटा और पेशावर में विपक्ष रैलियों को आतंकवादी निशाना बना सकते हैं।
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता लियाकत अली शाहवानी ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि खतरे के अलर्ट के कारण विपक्षी दलों को रैली स्थगति कर देनी चाहिए। पीडीएम नेताओं ने इस आह्वान को खारिज कर दिया। पीडीएम अध्यक्ष और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि यदि प्रांत सरकार कानून कानून व्यवस्था संभालने में नाकाबिल है तो वह बोरिया बिस्तर समेट ले। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने कहा, ‘‘ यदि कुछ होता है तो प्रांत सरकार उसके लिए जिम्मेदार होगी।’’ (भाषा)