इस्लामाबाद. कोरोनावायरस की महामारी के बीच पड़े रमजान के महीने में लोगों के रवैये से पाकिस्तानी शासकों के माथे पर चिंता की लकीरें फैल गई हैं। इमरान सरकार ने लॉकडाउन में कई तरह की ढील दी और बाकी कसर लोगों ने नियमों का उल्लंघन कर पूरी कर दी, नतीजा यह हुआ कि देश में रमजान महीने के पहले ही दिन, शनिवार को मस्जिदों-सड़कों पर उतरी भीड़ ने सोशल डिस्टैंसिंग की धज्जियां उड़ा दीं।
इसे देखते हुए सरकार ने तुरंत लोगों को चेतावनी दी कि अगर यह रवैया रहा तो रमजान में कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैलेगा और तब देश का स्वास्थ्य ढांचा मरीजों की भीड़ को संभाल नहीं सकेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों के सलाहकार डॉ. जफर मिर्जा ने एक प्रेस कांफ्रेंस यह चेतावनी दी। कहा, "रमजान के पहले दिन जो कुछ दिखा, वह निराशाजनक था। लोगों ने गैरजिम्मेदार रवैया दिखाया। मैं लोगों से अपील कर रहा हूं कि भीड़ का हिस्सा न बनें, इबादत घरों में ही करें।"
मिर्जा ने कहा, "शाम को इफ्तार के समय दुकानों पर भीड़ हर साल लगती रही है। शनिवार शाम को भी हालात हर साल जैसे ही दिखे। लोगों को समझने की जरूरत है कि अगर हमने सुरक्षा उपाय नहीं अपनाएंगे तो हालात और बिगड़ेंगे। पाकिस्तान बेहद नाजुक समय से गुजर रहा है जिसमें बीमारी तेजी से फैल सकती है। मेरी लोगों के गुजारिश है कि वे इफ्तार, सहरी और मस्जिद जाने के अपने रूटीन को बदलें। कृपया कर भीड़ वाली जगहों पर न जाएं।"
मिर्जा ने इन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान में कोरोना के इलाज के लिए वैक्सीन बनाने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान वैक्सीन नहीं बना रहा है। लेकिन, एक चीनी कंपनी ने हमसे वैक्सीन परीक्षण का हिस्सा बनने को कहा है। हमने कंपनी से इस सिलसिले में दस्तावेज मांगे हैं। इसमें समय लगेगा। जो लोग सोच रहे हैं कि वैक्सीन कुछ महीने में उपलब्ध हो जाएगी, वे सही नहीं सोच रहे हैं। ऐसा नहीं होने जा रहा है।"