लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद कैप्टन सफदर को 5 दिन की परोल खत्म होने के बाद सोमवार को वापस जेल भेज दिया गया। उन्हें नवाज शरीफ की पत्नी बेगम कुलसुम के निधन के बाद परोल मिली थी। कुलसुम का पिछले हफ्ते मंगलवार को लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया था। वह लंबे अरसे से गले के कैंसर से पीड़ित थीं। नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद कैप्टन (रिटायर्ड) एम सफदर को पिछले बुधवार को कुलसुम की तदफीन में शरीक होने के लिए परोल पर रिहा किया गया था।
तीनों को जुलाई में एक जवाबदेही अदालत ने भ्रष्टाचार का दोषी पाया था और वे रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद थे। नवाज शरीफ को लंदन में एवनफील्ड हाउस में चार आलीशान फ्लैटों की खरीद के मामले में दो महीने पहले जेल भेज दिया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री और उनके बेटी-दामाद दोपहर में कड़ी सुरक्षा के बीच अपने जाटी उमरा आवास से लाहौर एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए। एक विशेष विमान उन्हें रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस लेकर गया जहां से उन्हें आडियाला जेल भेज दिया गया। शाहवाज शरीफ रावलपिंडी तक उनके साथ थे।
शाहवाज शरीफ ने कुलसुम के चहलुम तक उनकी पेरोल की अवधि बढ़वाने की कोशिश की थी। इंतकाल के बाद 40वें दिन आयोजित समारोह को चहल्लुम कहते हैं। पेरोल के दौरान कई सियासतदानों और विदेशी अधिकारियों ने नवाज शरीफ से मुलाकात कर कुलसुम के इंतकाल पर अफसोस जाहिर किया। नवाज शरीफ ने पूर्व राष्ट्रपति और PPP के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी से कहा, ‘मुझे मलाल है कि मैं कुलसुम की जिंदगी के आखिरी दिनों में उनके साथ नहीं था।’ जरदारी कुलसुम के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री से मिले थे।
नवाज शरीफ ने कहा कि वह एकान्त कारावास में हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे बेटी मरियम से हफ्ते में एक बार मिलने की इजाजत दी गई है।’ कुलसुम को 14 सितंबर को जाटी उमरा आवास में उनके ससुर मियां शरीफ और देवर अब्बास शरीफ की कब्र के करीब सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था।