इस्लामाबाद | पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कहा है कि इमरान सरकार की नीतियों के कारण पाकिस्तान आज दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पीपीपी ने इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी की सरकार के एक साल पूरे होने पर गुरुवार को श्वेत पत्र जारी किया। इमरान खान अपनी सरकार के एक साल को 'तब्दीली (परिवर्तन) का एक साल' करार देते हैं। पीपीपी ने इसके जवाब में इस साल को 'तबाही का एक साल' करार दिया है।
पीपीपी ने अपने श्वेत पत्र में कहा है कि बीते एक साल में पाकिस्तान अधिक असुरक्षित, अस्थिर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कमजोर हो गया है। 112 पन्ने के श्वेत पत्र में पार्टी ने कहा है कि 'सेलेक्टेड सरकार' (सेना व अन्य सत्ता प्रतिष्ठान के समर्थन से बनी सरकार) ने अपने एक साल में विध्वंसकारी नीतियां, यूटर्न, वादाखिलाफी और उम्मीदों को तोड़ने का रिकार्ड बनाया है।
पीपीपी ने कहा कि पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) ने कहा था कि वह कर्ज के लिए आईएमएफ नहीं जाएगी लेकिन आईएमएफ से कर्ज लिया गया। पार्टी ने मीडिया पर कई तरह की पाबंदी का भी आरोप लगाया और कहा कि लोगों की आवाज दबाई जा रही है। देश में गरीबी और महंगाई चरम पर पहुंच गई है। खाने की बुनियादी वस्तुएं भी लोगों की पहुंच से बाहर हो रही हैं। एक साल के अंदर रुपया अपना 25 फीसदी मूल्य खो चुका है।
पार्टी ने कहा है कि इमरान खान की आक्रामक नीतियों ने पाकिस्तानी सत्ता को फासीवादी बना दिया है। विपक्ष को दबाने का कोई तरीका नहीं छोड़ा जा रहा है। इससे पहले स्कर्दू में एक सभा में पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान ने एक साल के अंदर देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। देश की अर्थव्यवस्था आईएमएफ के पास गिरवी है जबकि राजनयिक स्तर पर पाकिस्तान दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है।