नई दिल्ली. पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने अपने देश की बड़ी फजीहत करवाई है। दरअसल कल SCO शिखर सम्मेलन के दौरान जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भाषण दे रहे थे, उसी दौरान उनके बगल में बैठे फवाद चौधरी जमकर उबासी ले रहे थे। यूं तो पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के भाषण में कुछ नहीं होता लेकिन फवाद चौधरी का इंटरनेशल समिट के दौरान यूं उबासी लेना पाकिस्तान की जमकर फजीहत करवा रहा है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कल ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में 21 वें शंघाई सहयोग संगठन परिषद के प्रमुखों के शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे तभी ये वाक्या हुआ। फवाद चौधरी के इमरान के भाषण के दौरान उबासी लेने के कारण न सिर्फ दुनियाभर में उनका मजाक बन रहा है बल्कि पाकिस्तान के लोग भी सोशल मीडिया पर उन्हें और अपने प्रधानमंत्री इमरान खान को जमकर ट्रोल कर रहे हैं। ट्विटर पर @taklogy_pk नाम के एक हैंडल ने लिखा, "कहा बड़े लोगों में लाके बैठा दिया जनाब आपने हमें?"
SCO मीटिंग में क्या बोले इमरान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि काबुल में सत्ता पर तालिबान के कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान में एक ‘नयी हकीकत’ स्थापित हुई है और अब यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक हित में है कि कोई नया संघर्ष नहीं हो तथा वह आतंकवादियों के लिए फिर कभी सुरक्षित पनाहगाह नहीं बने। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में 20 वीं शंघाई सहयोग संगठन राष्ट्राध्यक्ष परिषद (एससीओ-एसीएचएस) को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि विश्व के लिए यह राहत की बात होनी चाहिए कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद और वहां से विदेशी सैनिकों की पूर्ण वापसी ‘रक्तपात एवं गृहयुद्ध के बगैर तथा शरणार्थियों के बड़े पैमाने पर पलायन के बगैर’ हुई।
इमरान खान ने कहा कि एक शांतिपूर्ण एवं स्थिर अफगानिस्तान से पाकिस्तान का हित जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती सरकार को अचानक अपदस्थ कर दिये जाने, तालिबान द्वारा शासन की बागडोर अपने हाथों में लेने और विदेशी सैनिकों की पूर्ण वापसी ने हर किसी को हैरान कर दिया, जिसने एक नयी हकीकत स्थापित की है।’’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में कोई नया संघर्ष नहीं हो और सुरक्षा स्थिति स्थिर हो, यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक हित में है। खान ने कहा कि साथ ही समान रूप से फौरी प्राथमिकता मानवीय संकट और आर्थिक मंदी को रोकना है।