कराची: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में बीते दिनों एक चुनावी रैली में हुए आत्मघाती बम विस्फोट में कम से कम 150 लोगों की मौत हो गई थी। इन सभी बेगुनाहों को मौत के घाट उतारने वाले आत्मघाती हमलावर ने कराची के एक मदरसे में पढ़ाई की थी। पाकिस्तान की पुलिस ने रविवार को इस बात की पुष्टि की और कहा कि मदरसे में पढ़ने के बाद उसने अफगानिस्तान जाकर आतंकवादी हमलों का प्रशिक्षण लिया था। मस्तुंग में 13 जुलाई को बलूचिस्तान अवामी पार्टी की एक चुनावी रैली के दौरान हाफीज अब्बासी ने हमला किया था, जिसमें करीब 150 लोगों की मौत हो गई थी और 200 अन्य जख्मी हो गए थे।
PB-35 (मस्तुंग) से उम्मीदवार नवाब सिराज रायसानी भी इस हमले में मारे गये। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने ली थी। सिंध पुलिस के काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने बम हमलावर की पहचान कर ली है और मस्तुंग बम धमाके में मारे गये एक अज्ञात शख्स के शव के फिंगर प्रिंट से उसकी विस्तृत जानकारी जुटायी है। हमने नेशनल डेटाबेस ऐंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के पास उपलब्ध रिकॉर्ड से डाटा मिलान किया। इसमें इस बात की पुष्टि हुई कि कथित बम हमलावर थट्टा के धाबेजी में गरीबाबाद मोहल्ले का रहने वाला था।’
उन्होंने बताया कि CTD की एक विशेष टीम थट्टा गई थी जहां बम हमलावर के पिता ने बताया कि हाफीज अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डाक इलाके में रहने लगा था। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बम हमलावर के पिता मोहम्मद नवाज ने खुलासा किया कि ना सिर्फ हाफीज बल्कि उसकी बीवी और 2 अन्य बेटे तथा 3 बेटियां भी अफगानिस्तान गई थीं। उसके पिता के अनुसार हाफीज कराची में शाह फैसल कॉलोनी में एक मदरसे में पढ़ता था और वहीं से उसने आतंकवाद का रास्ता चुन लिया। अधिकारी ने बताया कि इस बात की पुष्टि हुई है कि हमलावर की 3 बहनें अफगानिस्तान में धार्मिक विद्वान हैं और उन्होंने वहां इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकियों से शादी की है।