लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुश्किलें खत्म होतीं नजर नहीं आ रही हैं। लाहौर हाई कोर्ट ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 8 अक्टूबर को कोर्ट के सामने उपस्थित होने के लिए तलब किया। याचिका में पूर्व प्रधानमंत्री पर इस बात का दावा करने के लिए कार्रवाई की मांग की गई है कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में संलिप्त लोग पाकिस्तान के थे।
शरीफ ने मई में ‘डॉन’ को दिए इंटरव्यू में पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं और ‘राज्येतर तत्वों’ को सीमा पार करने और मुंबई में लोगों की ‘हत्या’ करने की अनुमति दिए जाने पर सवाल खड़े किए थे। साक्षात्कार में उन्होंने मुंबई आतंकवादी हमले की सुनवाई में विलम्ब की भी आलोचना की थी। न्यायमूर्ति सैयद मजहर अली अकबर नकवी की अध्यक्षता में लाहौर हाई कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने डॉन के पत्रकार सीरिल अलमीडा को गैर जमानती वॉरंट जारी किया और उनका नाम एक्जिट कन्ट्रोल लिस्ट में डालने के आदेश दिए।
अदालत के एक अधिकारी ने कहा, ‘जस्टिस नकवी ने अलमीडा के अदालत में पेश नहीं होने पर नाखुशी जताई और पंजाब पुलिस के उप महानिरीक्षक को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख (8 अक्टूबर) को उन्हें अदालत में पेश करें।’ जज ने शरीफ को 8 अक्टूबर को समन करने से पहले भी शरीफ के वकील नासिर भुट्टा से पूछा कि क्यों उनके मुवक्किल सोमवार को अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए।