इस्लामाबाद: अमेरिका ने जमात उद दावा के प्रमुख एवं मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की रिहाई के बाद पाकिस्तान सरकार से इस आतंकी को फिर से अंदर करने को कहा था। वहीं, अमेरिका के आतंकवाद विरोधी शीर्ष जानकार ब्रूस रीडल ने पाकिस्तान का प्रमुख गैर नाटो सहयोगी का दर्जा रद्द करने की मांग की थी। लेकिन ऐसा लगता है कि पाकिस्तान ने अमेरिका की बात को कोई तवज्जो ही नहीं दी। हाफिज की रिहाई को सही ठहराते हुए पाकिस्तान ने दावा किया कि वह आतंकियों पर UNSC के प्रतिबंध लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सईद पर अमेरिका में एक करोड़ डॉलर का इनाम है। पाकिस्तान ने सईद को शुक्रवार को ही रिहा किया। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने आतंकी घोषित कर रखा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सईद की रिहाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंकवाद फैलाने वाले लोग और समूह जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी का दर्जा दे रखा है, उनको न्याय के कटघरे में लाने में पाकिस्तान की सरकार बिलकुल भी गंभीर नहीं है।
भारत के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी के जवाब में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का प्रतिबंध कानून 1267 लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस सिलसिले में कई कदम भी उठाए गए हैं। फैसल ने कहा कि पाकिस्तान में अदालतें अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभा रही हैं और वह पाकिस्तान के सभी नागरिकों के लिए कानून का शासन कायम करने और उचित प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सईद बीते 297 दिन से नजरबंद था।