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पंजशीर पर कब्जे के लिए पाकिस्तान दे रहा है तालिबान का साथ, अहमद मसूद ने कहा नहीं मानेंगे हार

सालेह ने 15 अगस्त को तालिबान के राजधानी के द्वार पर पहुंचने पर राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के बाद खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया था। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 06, 2021 16:25 IST
Pakistan is supporting Taliban to capture Panjshir, claims Ahmad Massoud- India TV Hindi
Image Source : TWITTER-@TOLONEWS अफगानिस्तान में तालिबान ने कहा है कि उसका पंजशीर क्षेत्र पर कब्जा हो गया है।

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान ने कहा है कि उसका पंजशीर क्षेत्र पर कब्जा हो गया है लेकिन पंजशीर में तालिबान का विरोध कर रही सेनाओं का नेतृत्व करने वाले नेता अहमद मसूद ने एक ऑडियो मैसेज के जरिए कहा है कि तालिबान के साथ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। अहमद मसूद ने कहा, "मैं तालिबान से लड़ रहा हूं, पूरा अफगानिस्तान इस जंग में मेरे साथ आए।" पंजशीर में तालिबान के खिलाफ लड़ रहे विरोधी फौज को अहमद मसूद लीड कर रहे हैं। आज ही तालिबान ने पंजशीर पर कब्जे का दावा किया है। अहमद मसूद ने ये भी कहा कि पंजशीर में अकेले तालिबान नहीं पाकिस्तान भी जंग लड़ रहा है और वह तालिबान का साथ दे रहा है।

बता दें कि तालिबान ने पंजशीर को नियंत्रण में लेने का दावा किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बयान जारी कर कहा कि पंजशीर अब तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण में है। इलाके में मौजूद चश्मदीदों ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि हजारों तालिबान लड़ाकों ने रातों-रात पंजशीर के आठ जिलों पर कब्जा कर लिया। पंजशीर में तालिबान के साथ जंग में मसूद के सहयोगी और रेसिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दश्ती की पंजशीर की लड़ाई में मौत हो गई है। इसके अलावा जनरल अब्दुल वदूद जारा भी मारा गया है। फहीम दश्ती की मौत की खबर देर रात खुद नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान ने सोशल मीडिया में दी है।

सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक पंजशीर का किला तालिबान ने करीब-करीब फतह कर लिया है क्योंकि इस जंग का सबसे बड़े चेहरा और अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के पंजशीर छोड़ ताजिकिस्तान में शरण लेने की बातें कही जा रही है। इस जंग के दूसरे बड़े चेहरे अहमद मसूद के भी पंजशीर में किसी सुरक्षित ठिकाने में जाकर छिप जाने की खबर आई है।

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी बल्ख प्रांत में कई सैकड़ों लोगों को ले जाने को तैयार चार विमान कई दिनों तक उड़ान नहीं भर पाए। प्रांतीय राजधानी मजार-ए-शरीफ में हवाई अड्डे पर तैनात एक अफगान अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि उनमें अफगान जाने वाले थे, जिनमें से कई के पास पासपोर्ट या वीजा नहीं था और इसलिए ही वे देश नहीं छोड़ पाए। वे हवाईअड्डे से चले गए हैं और स्थिति से निपटने की कोशिश जारी है। 

सालेह ने 15 अगस्त को तालिबान के राजधानी के द्वार पर पहुंचने पर राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के बाद खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया था। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में पंजशीर के निवासियों को आश्वासन दिया कि वे सुरक्षित रहेंगे, जबकि तालिबान के वहां पहुंचने से पहले कई परिवार पहाड़ों में भाग गए थे।

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