इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सत्तारूढ़ इमरान सरकार ने ऐलान किया है कि जमाखोरों के बारे में सूचना देने वाले को इनाम में जमाखोर के पास से जब्त सामान में से दस फीसदी हिस्सा दिया जाएगा। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री की सूचना एवं प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने ट्वीट कर सरकार के इस फैसले की जानकारी दी।
उन्होंने हाल ही में जारी जमाखोरों के लिए सख्त सजा का प्रावधान करने वाले अध्यादेश के सबंध में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान आम लोगों को राहत पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। जमाखोरी के खिलाफ अध्यादेश अवाम को महंगाई और जमाखोरी से बचाने के प्रधानमंत्री के संकल्प का प्रमाण है। लोगों की मुसीबतों से फायदा उठाने वालों के साथ कोई रियायत नहीं होगी और इनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, "जमाखोरी और जमाखोरों के बारे में सूचना दें और जब्तशुदा सामान में से दस फीसदी सामान बतौर इनाम पाएं। जमाखोरों की ताक में रहें, उनके बारे में सूचना दें, इनाम पाएं और गरीबों की दुआ हासिल करें।"
उन्होंने बताया कि अध्यादेश के प्रावधानों के तहत जमाखोर को तीन साल तक की कैद होगी और जब्तशुदा माल के कुल मूल्य का पचास फीसदी जुर्माना भरना होगा।