इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पास भारत की नवीनतम बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का किफायती समाधान है और वह परमाणु से लैस पनडुब्बी का भी विकल्प खोजेगा। देश की शीर्ष रणनीतिक संस्था के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। स्ट्रेटेजिक विजन इंस्टीट्यूट (एसवीआई) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण (एनसीए) के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) खालिद किदवई ने यह भी कहा कि पाकिस्तान बेफिक्र बना रहेगा क्योंकि उसके पास प्रतिक्रिया के लिए पर्याप्त विकल्प हैं जो किसी भी प्रकार के रणनीतिक संतुलन में बाधाओं को दूर कर देंगे। इस सम्मेलन का विषय ‘‘दक्षिण एशिया में परमाणु प्रतिरोध और सामरिक स्थिरता’’ था।
डॉन समाचार पत्र ने जनरल किदवई के हवाले से कहा, ‘‘हमारे सामरिक बल के विकास का इतिहास स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि पाकिस्तान ने कभी भी इस (रणनीतिक) संतुलन में व्यवधान उत्पन्न करने की अनुमति नहीं दी। समय-समय पर इस असंतुलन को दूर करने के लिए हमें हमेशा प्रभावी समाधान मिलते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ रक्षा प्रणाली विकसित करने में भारत का अनुसरण नहीं करेगा लेकिन भारत के कदमों के कारण पैदा होने वाले असंतुलन को दूर करने का प्रयास हम जारी रखेंगे।’’
एस-400 मिसाइल प्रणाली के लिए भारत-रूस समझौते के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत एक दशक से अधिक समय से एक बहु-स्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (बीएमडी) प्रणाली के विकास पर काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि एस-400 समझौते के अलावा, भारत का बीएमडी के विकास के लिए इजराइल के साथ बड़े पैमाने पर सहयोग है।
इस बीच एसवीआई के अध्यक्ष डा.जफर इकबाल चीमा ने कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ सीमित युद्ध लड़ने के लिए मौके तलाश रहा है लेकिन पाकिस्तान सामरिक प्रतिरोध जैसी प्रतिक्रियाओं के जरिये उसे इस अवसर से वंचित करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा,‘‘यह शांति में हमारा योगदान है।’’