इस्लामाबाद: मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद पर पाकिस्तान सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SECP) ने सोमवार को हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा (JuD) के चंदा इकट्ठा करने पर रोक लगा दी है। लश्कर-ए-तैयबा के बैन होने के बाद अब हाफिज JuD की मदद से ही अपनी गतिविधियों का संचालन करता है। इसके अलावा कई अन्य ऐसे संगठनों के भी चंदा इकट्ठा करने पर रोक लगी है, जिनका नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की प्रतिबंधित संगठनों की सूची में है। सरकार की कार्रवाई को स्टंट करार देते हुए JuD ने आरोप लगाया कि यह सब मोदी सरकार को खुश करने के लिए हो रही है।
आयोग की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, 'पाकिस्तान के प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने सभी कंपनियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी समिति की समेकित सूची में सूचीबद्ध संस्थाओं और व्यक्तियों को नकद दान देने से रोक दिया है।' UNSC की लिस्ट में JuD के अलावा फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन, पासबां-ए-हदीथ और पासबां-ए-कश्मीर जैसे संगठन शामिल हैं। इसके साथ ही आयोग ने कहा है कि जो भी इस प्रतिबंध के खिलाफ जाएगा उसपर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
इन रिपोर्ट्स पर कि पाकिस्तान सरकार उनकी संपत्तियों को जब्त कर सकती है, जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन ने कहा कि वे इस मामले को कोर्ट में लेकर जाएंगे। JuD के प्रवक्ता याह्या मुजाहिद ने कहा, 'लाहौर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में साफ फैसला दिया है कि JuD पाकिस्तान में अपनी कल्याणकारी गतिविधियों को जारी रखने के लिए स्वतंत्र है, फिर भी सरकार भारत के तुष्टिकरण के लिए यह स्टंटबाजी कर रही है। मोदी सरकार अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ खेल रही है। जब भी भारत चाहता है, वह हमारे शासकों पर दबाव बनाता है और वे जितना कहा जाता है उससे भी ज्यादा कर देते हैं, कभी हमें गिरफ्तार करके तो कभी हमारे क्रियाकलापों को रोककर।'