इस्लामाबाद | पाकिस्तान में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बने पीएम कोरोना रिलीफ फंड का दस अरब रुपया देश के ऊर्जा क्षेत्र पर चढ़े कर्ज के ब्याज को चुकाने के लिए किया जाएगा। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 'रोजनामा पाकिस्तान' ने 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के हवाले से प्रकाशित अपनी आनलाइन रिपोर्ट की सुर्खी में कहा, 'पाकिस्तानी फिर बुद्धु बन गए, हुकूमत कोरोना वायरस फंड की रकम का इस्तेमाल कहां करेगी? इंतेहाई शर्मनाक खबर सामने आ गई'।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना के खिलाफ जंग में कोरोना रिलीफ फंड बनाकर इसमें देशवासियों से अधिक से अधिक धन डालने के लिए कहा और अभी भी कह रहे हैं। उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि लोग इस फंड में जो एक रुपया डालेंगे, सरकार उसके बदले में इसमें चार रुपये अपनी तरफ से डालेगी।
लेकिन, अब इमरान सरकार का ने इस फंड के दस अरब रुपये का इस्तेमाल उस कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए करने का फैसला किया है जिसका कोरोना से कोई लेना-देना ही नहीं है जिससे लड़ने के लिए आम लोगों ने अपनी जेब ढीली की थी।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कैबिनेट की आíथक समन्वय समिति की बैठक में यह फैसला किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री के वित्तीय मामलों के सलाहकार अब्दुल हफीज शेख ने की। बैठक के बाद वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, समिति ने प्रधानमंत्री कोरोना रिलीफ फंड से पाकिस्तान सरकार की गारंटीशुदा 200 अरब रुपये की सिक्योरिटी 'पाकिस्तान एनर्जी सुकूक-2' के कर्ज की ब्याज की अदायगी लिए तात्कालिक रूप से 10 अरब रुपये देने का फैसला किया। यह अस्थायी व्यवस्था छह महीने के लिए होगी। अगर इस बीच, ऊर्जा नियामक प्राधिकरण कानून में बदलाव हो गया तो इस ब्याज का बोझ उपभोक्ता पर जा सकता है, अन्यथा यह अदायगी कोरोना रिलीफ फंड से होगी।