इस्लामाबाद: पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान को पद से हटाने की मांग के साथ प्रस्तावित जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के आजादी मार्च व धरने को रोकने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में गिरफ्तारियां शुरू हो गई हैं। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 31 अक्टूबर को होने वाले मार्च व इस्लामाबाद में धरने को रोकने के लिए अभी ही से कुछ रास्तों पर कंटेनर लगा दिया गया है और अतिरिक्त पुलिस बल इस्लामाबाद और आसपास तैनात कर दिए गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च व धरने का बैनर लगाने तथा इसमें शामिल होने के लिए लोगों को 'उकसाने' पर दो धर्मगुरुओं (उलेमा) को इस्लामाबाद में गिरफ्तार किया गया। उन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया। कराची में भी जेयूआई-एफ के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पार्टी सदस्यों पर फैसलाबाद में भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
संघीय सरकार ने गृह मंत्रालय में कंट्रोल रूम बनाने और जरूरत पड़ने पर मोबाइल फोन सेवा निलंबित करने का फैसला कर लिया है। प्रशासन से कहा गया है कि कोई भी ऐसा प्रवेश बिंदु खाली न छोड़ा जाए जिससे प्रदर्शनकारियों के इस्लामाबाद में घुसने की आशंका हो।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जेयूआई-एफ की लाठियों से लैस मिलीशिया अंसार उल इस्लाम को गृह मंत्रालय द्वारा देश की सत्ता के प्राधिकार को चुनौती देने के आरोप में प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में होने वाले मार्च को रोकने के लिए खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब को जोड़ने वाले सिंध नदी पर बने अटक पुल पर अभी से कंटेनर पहुंचा दिए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। साथ ही कंटीले तार लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।