लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब सूबे में गणेश मंदिर पर इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले के 24 घंटे बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने चुप्पी तोड़ी है। भारत द्वारा घटना की कड़े शब्दों में निंदा करने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह मंदिर का पुनर्निर्माण करवाएंगे। इमरान ने एक ट्वीट में कहा कि इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने गणेश मंदिर पर कल हुए हमले की कड़ी निंदा की है। बता दें कि इमरान ने इससे पहले भी इस्लामाबाद में एक मंदिर के निर्माण का वादा किया था, लेकिन कट्टरपंथियों के भारी विरोध के कारण उन्होंने अपने उस वादे पर अमल नहीं किया।
‘सरकार मंदिर का जीर्णोद्धार करेगी’
इमरान खान ने ट्वीट किया, ‘मैं रहीम यार खान के भोंग में गणेश मंदिर पर कल हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैंने पहले ही पंजाब के आईजी को सभी दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और पुलिस की किसी भी लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। सरकार मंदिर का जीर्णोद्धार भी करेगी।’ बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भीड़ ने हिंदुओं के एक मंदिर पर हमला कर दिया, मूर्तियों को खंडित कर दिया और मंदिर के कुछ हिस्से को जला दिया। इसे लेकर प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद ने ‘गंभीर चिंता’ प्रकट की और उन्होंने न्यायालय में इस विषय की सुनवाई शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध की है।
भीड़ ने हिंदू मंदिर पर किया था हमला
घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में भीड़ ने बुधवार को हिंदू मंदिर पर हमला किया। यह स्थान लाहौर से करीब 590 किलोमीटर दूर है। पुलिस ने बताया कि एक मदरसे के पुस्तकालय को कथित तौर पर अपवित्र करने की घटना के बाद कुछ लोगों के उकसाने पर भीड़ ने इस घटना को अंजाम दिया। पिछले हफ्ते हिंदू समुदाय के 8 साल के एक बच्चे ने इलाके के मदरसे के पुस्तकालय में कथित तौर पर पेशाब कर दिया था, जिसके बाद भोंग में तनाव व्याप्त हो गया। इस इलाके में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग दशकों से शांतिपूर्ण तरीके से रहते आए हैं।
8 साल के हिंदू बच्चे पर ईशनिंदा का केस
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुस्तकालय को कथित तौर पर अपवित्र करने वाले 8 वर्षीय बच्चे के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज कर पिछले हफ्ते उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, उसे बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। रहीम यार खान के जिला पुलिस अधिकारी (DPO) असद सरफराज ने बताया, ‘हमलावरों ने डंडे, पत्थर और ईंटें उठा रखी थीं। उन्होंने धार्मिक नारे लगाते हुए देवी-देवताओं की मूर्तियां खंडित कर दी।’ उन्होंने बताया कि मंदिर के एक हिस्से को जला भी दिया गया। सरफराज ने बताया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने हालात काबू में कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘रेंजर्स को बुलाया गया और हिंदू मंदिर के इर्द-गिर्द तैनात किया गया।’
भारत ने दर्ज कराया कड़ा विरोध
इस घटना को लेकर भारत ने गुरुवार को नयी दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया और इस घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नयी दिल्ली में मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘यहां पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारी को आज दोपहर तलब किया गया और पाकिस्तान में हुई इस निंदनीय घटना को लेकर तथा अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता एवं उनके धार्मिक स्थलों पर लगातार हो रहे हमलों पर अपनी गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया।’
‘कल हालात बहुत तनावपूर्ण थे’
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद डॉ. रमेश कुमार वांकवानी ने बुधवार को, मंदिर पर हमले के वीडियो ट्विटर पर साझा किए और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध किया कि वे ‘आगजनी और तोड़फोड़’ को रोकने के लिए जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने इस घटना को लेकर अनेक ट्वीट किए। इनमें उन्होंने कहा, ‘रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में एक हिंदू मंदिर पर हमला। कल हालात बहुत तनावपूर्ण थे। स्थानीय पुलिस की शर्मनाक लापरवाही। प्रधान न्यायाधीश से कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं।’ वांकवानी ने गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश अहमद से मुलाकात की और उन्हें मंदिर पर हमले के बारे में सूचना दी।
चीफ जस्टिस ने गंभीर चिंता जताई
प्रधान न्यायाधीश ने इस दुखद घटना पर गंभीर चिंता प्रकट की। शीर्ष न्यायालय द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान में यह बताया गया है। बयान में कहा गया है, ‘मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए प्रधान न्यायाधीश ने न्यायालय के समक्ष इस विषय को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध किया है। साथ ही पंजाब के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस महानिरीक्षक को एक रिपोर्ट के साथ शुक्रवार को न्यायालय में हाजिर होने को कहा है।’ इस बीच, राजनीतिक संचार पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सलाहकार डॉ शाहबाज गिल ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना का संज्ञान लिया है।
अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं
गिल ने बताया कि खान ने जिला प्रशासन को घटना की जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। DPO ने बताया कि इलाके में करीब 100 हिंदू परिवार रहते हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है। इस घटना के संबंध में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘हमारी पहली प्राथमिकता कानून-व्यवस्था को बहाल करना और अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षा प्रदान करना है।’ बता दें कि दिसंबर 2020 में खैबर पख्तूनख्वा के कारक जिले में टेरी गांव में भीड़ ने करीब एक सदी पुराने हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की थी। शीर्ष न्यायालय ने उस घटना पर संज्ञान लिया था। (भाषा)