Highlights
- इमरान खान सरकार ने कट्टरपंथी दल के साथ हुए 'गुप्त समझौते' के बाद रिजवी को रिहा किया गया।
- लाहौर में TLP के हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने साद रिजवी का स्वागत किया।
- पिछले सप्ताह पाकिस्तान के पंजाब सूबे की सरकार ने आतंकवाद सूची में से रिजवी का नाम हटा दिया।
लाहौर: पाकिस्तान में गुरुवार को कट्टरपंथी दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के प्रमुख साद हुसैन रिजवी को जेल से रिहा कर दिया गया। रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर मार्च निकालने पर अड़े TLP कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद कुछ सप्ताह पहले प्रधानमंत्री इमरान खान नीत सरकार ने कट्टरपंथी दल के साथ हुए 'गुप्त समझौते' के बाद रिजवी को रिहा किया गया। रिजवी 12 अप्रैल को आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से कोट लखपत जेल में बंद है और उस पर आतंकवाद और हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य मामलों के तहत 100 से अधिक प्राथमिकी दर्ज हैं।
‘पंजाब सरकार ने रिजवी की रिहाई का रास्ता साफ किया’
पंजाब प्रांत की सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'पंजाब सरकार ने संघीय समीक्षा बोर्ड के पास से अपना संदर्भ वापस ले लिया जिसके बाद रिजवी की रिहाई हो सकी।' उन्होंने कहा कि असल में पंजाब सरकार ने रिजवी की रिहाई का रास्ता साफ किया। इस बीच, लाहौर के यतीम खाना चौक स्थित पार्टी मुख्यालय पर TLP के हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने रिजवी का स्वागत किया। TLP द्वारा दबाव बनाए जाने के चलते पिछले सप्ताह पंजाब सरकार ने आतंकवाद सूची में से रिजवी का नाम हटा दिया।
1,200 से अधिक TLP सदस्यों को रिहा किया जा चुका है
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने पिछले हफ्ते पुलिस के साथ संघर्ष करने वाले TLP के दबाव के आगे झुकते हुए इस कट्टरपंथी इस्लामवादी दल के प्रमुख साद हुसैन रिजवी का नाम आतंकवादियों की सूची से हटा दिया था। बता दें कि सरकार ने लाहौर में पुलिस के साथ संघर्ष के दौरान और वजीराबाद जाने के दौरान गिरफ्तार किए गए 1,200 से अधिक टीएलपी सदस्यों को भी रिहा कर दिया है। इन संघर्षों में टीएलपी के 11 सदस्य और 8 पुलिसकर्मी मारे गए थे। TLP ने 18 अक्टूबर को लाहौर से प्रदर्शन शुरू किया था और सरकार पर मांगें मानने का दबाव डालने के लिए इस्लामाबाद मार्च करने की घोषणा की थी।