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पाकिस्तान को लगा झटका, FATF की ‘ग्रे’ लिस्ट में ही रहेगा

अगर पाकिस्तान ग्रे सूची में बना रहता है तो उसके लिए विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से वित्तीय मदद हासिल करना और मुश्किल हो जाएगा।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 23, 2020 20:43 IST
Pakistan FATF grey list sources । पाकिस्तान को फिर लगेगा झटका, FATF की ‘ग्रे’ लिस्ट में ही रहेगा- सू- India TV Hindi
Image Source : FILE Pakistan to remain on the grey list of terror-financing watchdog Financial Action Task Force (FATF): Sources। पाकिस्तान को फिर लगेगा झटका, FATF की ‘ग्रे’ लिस्ट में ही रहेगा- सूत्र 

इस्लामाबाद. दुनियाभर में आतंक के को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को एकबार फिर FATF की तरफ से झटका लगा है। दरअसल पाकिस्तान एफएटीएफ की ‘ग्रे’ सूची में बना रहेगा। इसकी घोषणा FATF के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने की। उन्होंने का कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए कुल 27 कार्ययोजनाओं में से छह को पूरा करने में विफल रहा है और उसे आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है। मार्कस प्लीयर ने कहा कि पाकिस्तान को आतंक के वित्तपोषण में शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और मुकदमा चलाना चाहिए।

FATF ने पाकिस्तान को जून 2018 में ‘ग्रे’ सूची में डाला था और इस्लामाबाद को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की 27 बिंदुओं की कार्य योजना को वर्ष 2019 के अंत तक लागू करने को कहा था। कोविड महामारी की वजह से इस मियाद में वृद्धि कर दी गई थी।

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गौरतलब है कि कर्ज से दबे पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने की कोशिश के तहत अगस्त महीने में 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वित्तीय पाबंदी लगाई थी। इनमें मुंबई हमले का सरगना और जमात-उद दावा प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम भी शामिल है।

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पाकिस्तान ग्रे सूची में ही रहेगा, इसका मतलब ये है कि उसके लिए विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से वित्तीय मदद हासिल करना और मुश्किल हो जाएगा। इससे पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे देश की मुश्किलें और बढ़ेंगी। पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने की कोशिश के तहत करीब 15 कानूनों में संशोधन को मंजूरी दी है।

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