इस्लामाबाद | पाकिस्तान को उम्मीद है कि वह अगले साल फरवरी तक आतंकवादियों के वित्तपोषण व धनशोधन के खिलाफ इतने कदम उठाएगा कि उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से निकाल कर इसकी सबसे बेहतर व्हाइट लिस्ट में कर दिया जाएगा। एफएटीफ ने पाकिस्तान को शुक्रवार को कड़ी चेतावनी दी कि फरवरी 2020 तक उसने आतंक वित्तपोषण और धनशोधन के खिलाफ उसकी बताई कार्ययोजना पर अमल नहीं किया तो इस बार उसे बख्शा नहीं जाएगा और ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा। एफएटीफ ने पाकिस्तान को इस चेतावनी के साथ फरवरी 2020 तक अपनी ग्रे लिस्ट में रखने का शुक्रवार को फैसला किया।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने पाकिस्तान को अभी ब्लैक लिस्ट में नहीं डालने पर राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान अब एफएटीएफ के सभी लक्ष्यों को हासिल कर दिखाएगा।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अजहर ने अपने ट्वीट में लिखा, " एफएटीफ ने पाकिस्तान द्वारा बीते एक साल में, विशेषकर बीते चार महीने में की गई प्रगति का संज्ञान लिया है। लेकिन, अभी बहुत काम करना बाकी है क्योंकि हमें दी गई कार्ययोजना किसी भी देश को दी गई अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण कार्ययोजना है।"
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "पाकिस्तान ने एफएटीफ की कार्ययोजना के सभी बिंदुओं को हासिल करने का लक्ष्य रखा है और देश 2020 तक एफएटीफ की ग्रे लिस्ट से निकलकर व्हाइट लिस्ट में आ जाएगा। इस दिशा में सभी संबद्ध पक्षों के बीच एक समन्वित योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।"
पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी व इनके संगठन दुनिया के लिए चिंता का विषय रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान पर विभिन्न तरीकों से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाया हुआ है। इसी के तहत एफएटीफ की कार्रवाई है जिसने अब उसे आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाने की अंतिम डेडलाइन, फरवरी 2020 दे दी है।