लाहौर: कैदियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन ने पाकिस्तान के बारे में बड़ा दावा किया है। इस संगठन के मुताबिक पाकिस्तान ने साल 2014 में मौत की सजा पर से पाबंदी हटने के बाद से 465 कैदियों को फांसी दी है। इसके साथ ही पाकिस्तान सर्वाधिक फांसी देने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया है।
जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान (JPP) ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि मौत की सजा अपराध पर अंकुश लगाने में विफल रही है, लेकिन इसका राजनैतिक औजार के तौर पर बहुतायत इस्तेमाल किया जा रहा है। कभी-कभार जेलों में बढ़ी भीड़ के समाधान के तौर पर इसका इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक संख्या में फांसी ने पाकिस्तान को सर्वाधिक फांसी देने के मामले में चीन, ईरान, सऊदी अरब और इराक के बाद दुनिया का पांचवां देश बना दिया है।
संगठन द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के विश्लेषण में दिखाया गया है कि फांसी पर से प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से कुल 465 कैदियों को पिछले ढाई वर्षों में फांसी दी गई है। उसने कहा कि पाकिस्तान सरकार प्रतिबंध को हटाने को यह कहकर उचित ठहराती है कि देश में आतंकवादी खतरे को रोकने के लिए यह जरूरी है।