कराची: पाकिस्तान आम चुनावों में जहां एक तरफ इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, वहीं दूसरे दल फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहे हैं। देश के कराची और सियालकोट शहरों में सड़क किनारे 5 खाली मतपेटियां और एक दर्जन से अधिक मतपत्र मिले हैं, जिससे फर्जीवाड़े के दावे को बल मिला है। इन पेटियों और मतपत्र के यूं लावारिस हालत में मिलने के साथ ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के पाकिस्तान चुनाव आयोग के दावे पर संदेह खड़ा हो गया है।
चुनाव पर्यवेक्षकों के यूरोपीय संघ की एक टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि 25 जुलाई को पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के दौरान स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति ‘बाधित’ हुई और प्रचार के दौरान उम्मीदवारों को ‘समान अवसर नहीं मिले।’ चुनावों में फर्जीवाड़े के आरोप लगाते हुए कई दलों की हुई बैठक में देशव्यापी प्रदर्शन की चेतावनी दी गई। इस बैठक में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज भी शामिल थी जिसने परिणामों को खारिज कर दिया और फिर से ‘पारदर्शी’ चुनाव कराने की मांग की।
पाकिस्तान के अखबार डॉन में डीआईजी पुलिस अमीर फारूकी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि NA-241 सीट से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार मोअज्जम अली कुरैशी ने पुलिस को शहर के कयूमाबाद इलाके में कचरे के ढेर में मतपत्र पड़े होने की सूचना दी। वोटिंग मटीरियल्स के यूं लावारिस हालत में मिलने से अब इमरान खान के विपक्ष में चुनाव लड़ने वाली पार्टियों के और भी ज्यादा एकजुट होने की संभावना जताई जा रही है।