इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की आइसलैंड की यात्रा के लिए उनके हवाई क्षेत्र से विमान को गुजरने देने संबंधी भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है। राष्ट्रपति कोविंद की सोमवार से आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की यात्रा शुरू होगी। इस दौरान वह भारत की ‘‘राष्ट्रीय चिंताओं’’ खासतौर पर इस साल पुलवामा में हुए हमले सहित आतंकवादी घटनाओं से इन देशों के शीर्ष नेतृत्व को अवगत करा सकते हैं।
कुरैशी ने सरकारी प्रसारक पीटीवी को बताया कि कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह निर्णय लिया है। भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से इमरान सरकार भारत पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विपक्ष और कुछ मंत्रियों के दबाव में है। अभी तक पाकिस्तान ने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने पर फैसला नहीं किया है लेकिन राष्ट्रपति कोविंद के विमान को मंजूरी न देकर उसने अपनी मंशा जाहिर की है।
कुरैशी ने कहा कि नई दिल्ली का कश्मीर पर रुख गंभीर मामला है और वह इसे संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार परिषद में ले जाएंगे। उन्होंने इंगित किया कि पांच अगस्त को कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद प्रशासन की ओर से लगाए प्रतिबंध 34 दिन बीतने के बाद भी जारी है। कश्मीर में पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने 26 फरवरी को अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया था।
हालांकि 27 मार्च को उसने नई दिल्ली, बैंकॉक और कुआलालंपुर को जाने वाली उड़ानों को छोड़ बाकी के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया था। 15 मई को पाकिस्तान ने भारत जाने वाले विमानों के लिए प्रतिबंध को 30 मई तक बढ़ा दिया था। पाकिस्तान ने 16 जुलाई को अपने हवाई क्षेत्र को सभी नागरिक विमानों के लिए खोला। पांच अगस्त को भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के फैसले के बाद से भारत-पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान ने विरोध में भारत के साथ द्विपक्षीय कारोबार भी स्थगित कर दिया है।