लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के समर्थकों और पुलिस के बीच बुधवार को हुई ताजा झड़प में 4 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई। बढ़ते तनाव के बीच इमरान खान सरकार ने प्रांत में प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स की तैनाती का फैसला किया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा कि ताजा झड़पों को ध्यान में रखते हुए पंजाब में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के वास्ते 2 महीने के लिए रेंजर्स को बुलाया गया है।
3 दिनों से डेरा डाले हुए हैं हजारों समर्थक
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थक पार्टी प्रमुख साद रिजवी की रिहाई और फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन की मांग कर रहे हैं। प्रतिबंधित TLP के 10,000 से अधिक समर्थक पिछले 3 दिनों से जीटी रोड पर मुरीदके और गुजरांवाला के बीच डेरा डाले हुए थे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के इंकार के बाद बुधवार को उन्होंने इस्लामाबाद की ओर मार्च शुरू किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच लाहौर से करीब 50 किलोमीटर दूर सधोके क्षेत्र में झड़पें शुरू हो गईं। सरकार ने घोषणा की थी कि वह 'फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन की TLP की मांग को पूरा नहीं कर सकती।'
‘यह इलाका युद्ध का मैदान बन गया’
फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित होने के बाद TLP के समर्थकों ने अप्रैल में विरोध प्रदर्शन करते हुए फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने और फ्रांस के सामानों के आयात पर पाबंदी लगाने की मांग की थी, जिसके बाद पंजाब सरकार ने 'सार्वजनिक व्यवस्था' (MPO) कायम रखने के तहत पार्टी के संस्थापक दिवंगत खादिम रिजवी के बेटे साद रिजवी को हिरासत में लिया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जब TLP कार्यकर्ता साधोक पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोका। यह इलाका युद्ध का मैदान बन गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। झड़पों में पुलिसकर्मियों सहित दर्जनों TLP कार्यकर्ता घायल हो गए।'
‘गोलीबारी में हमारे 4 पुलिसकर्मी मारे गए’
पंजाब के पुलिस निरीक्षक राव सरदार अली खान ने कहा, 'प्रदर्शन के दौरान प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा सुरक्षा बलों पर की गई गोलीबारी में हमारे 4 पुलिसकर्मी मारे गए जबकि 263 अन्य लोग घायल हुए हैं।' TLP के पदाधिकारी इब्ने-इस्माईल ने बताया कि पुलिस गोलीबारी में पार्टी के कम से कम 4 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि TLP के हजारों कार्यकर्ता अपनी जान दे देंगे लेकिन अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।