लाहौर: पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने पिछले साल पूर्वी पंजाब प्रांत में ईशनिंदा के आरोपों पर अपने बैंक मैनेजर की हत्या करने के जुर्म में एक पूर्व सिक्यॉरिटी गार्ड को मौत की सजा सुनाई है। लाहौर से करीब 190 किलोमीटर दूर सरगोधा शहर की अदालत ने बुधवार को अहमद नवाज को मौत की सजा सुनाई। इसके अलावा अदालत ने अहमद नवाज पर 6 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया। बता दें कि नवाज के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था और बाद में पीड़ित परिवार की शिकायत पर आतंकवाद के आरोप भी शामिल किए गए थे।
अहमद नवाज के समर्थन में आ गए थे स्थानीय मौलवी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाहौर से करीब 250 किलोमीटर दूर खुशब जिले में नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान (NBP) की शाखा में सिक्यॉर्टी गार्ड के तौर पर तैनात नवाज ने पिछले साल अपने ही बॉस बैंक मैनेजर मलिक इमरान हानिफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बैंक मैनेजर मलिक इमरान हानिफ की हत्या के बाद उसने दावा किया था कि उसके बॉस ने ईशनिंदा की थी, जिसके चलते उसने उन्हें मार डाला। घटना के बाद स्थानीय मौलवी भी अहमद नवाज के समर्थन में आ गए थे और उन्होंने उस पुलिस थाने की घेराबंदी भी कर ली थी जिसमें उसे हिरासत में रखा गया था।
परिवार ने कहा था, वेतन न बढ़ने से नाराज था नवाज
पुलिस ने हालांकि अहमद नवाज के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था और मलिक इमरान हानिफ के परिवार की शिकायत पर आतंकवाद के आरोप भी शामिल किए थे। परिवार ने हानिफ के ईशनिंदा करने के आरोपों से इनकार किया था। हानिफ के परिवार ने दावा किया था कि नवाज ने सजा से बचने के लिए ‘ईशनिंदा का हथकंडा’ अपनाया। पीड़ित के परिवार ने कहा था कि अहमद नवाज वेतन में वार्षिक वृद्धि न दिए जाने के कारण हानिफ से नाराज था और हानिफ को गोली मारने से पहले उन दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ था।