इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने पनामा पेपर मामले में अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद मुहम्मद सफदर पर आरोप तय करने पर सुनवाई 19 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा शरीफ को पद के अयोग्य ठहराए जाने के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो(NAB) ने शरीफ, उसके परिजनों और वित्तमंत्री इशाक डार के खिलाफ भ्रष्टाचार के 3 मामले दर्ज किए थे। शीर्ष न्यायालय द्वारा 28 जुलाई को पनामा पेपर कांड में शरीफ को प्रधानमंत्री पद से अयोग्य ठहराए जाने के हफ्तों बाद ये मामले दर्ज किए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैसे ही जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने सुनवाई के लिए अदालत कक्ष में प्रवेश किया, PML-N से जुड़े कई वकील उनके रास्ते में आ गए और जजों को घेर लिया। वकील अदालत के बाहर सुरक्षा बलों द्वारा मारपीट करने और अदालत में घुसने से मना करने का आरोप लगा कर प्रदर्शन कर रहे थे। वकीलों ने सुनवाई को तब तक रोकने की धमकी दी जब तक उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है जिन्होंने अदालत के बाहर उनके साथ कथित तौर पर हाथापाई की थी। शोर-शराबा होता देख जज कोर्ट रूम से बाहर चले गए और बाद में सुनवाई 19 अक्टूबर तक स्थगित करने का ऐलान किया।
यह फैसला शरीफ की बेटी मरियम नवाज और उनके दामाद कैप्टन (रिटायर्ड) सफदर के अदालत में पेश होने के थोड़े वक्त बाद आया। शरीफ लंदन में अपनी पत्नी का इलाज कराने की वजह से अदालत के समक्ष पेश नहीं हो सके। उनकी तरफ से उनके प्रतिनिधि अदालत में पेश हुए। मरियम ने वकीलों के लिए गैर जरूरी अड़चनें पैदा करने पर चिंता जाहिर की और गृह मंत्रालय से घटना की जांच करने को कहा। उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानती कि वकीलों के लिए किसने परेशानी पैदा की। इससे बचा जाना चाहिए था।'