इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ करप्शन के एक अन्य मामले में सोमवार को सुनवाई स्थगित कर दी, क्योंकि बचाव पक्ष के वकील ने जज से खुद को सुनवाई से अलग करने की गुजारिश की थी। इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत के जज मोहम्मद बशीर ने पिछले हफ्ते एवेनफील्ड अपार्टमेंट मामले में 68 वर्षीय शरीफ को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। यही जज शरीफ के खिलाफ अल अजिजिया इस्पात मिल भ्रष्टाचार मामले की भी सुनवाई कर रहे हैं।
बचाव पक्ष के वकील ख्वाजा हारिस ने कहा कि अल अजिजिया और एवेनफील्ड मामलों के सबूत समान हैं। लिहाजा जज को खुद को मामले से अलग कर लेना चाहिए। जज ने मामले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट रेफर कर दिया और मामले की सुनवाई 12 जुलाई तक मुल्तवी कर दी। इस्लामाबाद हाई कोर्ट के पास ही मामले को दूसरी अदालत में भेजने का अधिकार है। यही जज पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ फ्लैगशिप भ्रष्टाचार मामले की भी सुनवाई कर रहे हैं। इसी तरह की आपत्ति इसको लेकर भी उठाई जा सकती है। पनामा मामले में 28 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने के बाद पिछले साल सितंबर में शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ 3 मामले दायर किए गए थे।
उनके दोनों बेटे हसन और हुसैन तीनों मामलों में सह आरोपी हैं लेकिन वे कभी भी अदालत में पेश नहीं हुए और उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। जवाबदेही अदालत ने शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री को 10 साल और जांच एजेंसी राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के साथ सहयोग नहीं करने के लिए एक साल की सजा सुनवाई थी। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अदालत ने उनकी बेटी मरियम को उकसाने के लिए 7 साल और NAB के साथ सहयोग नहीं करने के लिए एक साल की सजा सुनाई थी और दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।