लाहौर: पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने आतंकी गतिविधियों के वित्त पोषण के चार मामले में मुंबई हमले के सरगना और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ सुनवाई कोरोना वायरस की महामारी के चलते अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है। हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है और अमेरिका ने उसपर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। फरवरी में यहां की अदालत ने आतंकी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण के दो मामलों में सईद को कुल 11 साल कैद की सजा सुनाई थी।
70 वर्षीय सईद को 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और मौजूदा समय में उसे उच्च सुरक्षा वाले कोट लखपत जेल में रखा गया है। अदालत के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, ‘‘लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत हाफिज सईद और जमात-उद-दावा के अन्य नेताओं के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के चार मामलों की सुनवाई कोविड-19 के चलते एक महीने या उससे अधिक समय से नहीं कर रही है।’’ उन्होंने बताया कि अदालत ने मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है और कोरोना वायरस का संकट खत्म होने के बाद दोबारा सुनवाई शुरू होने की उम्मीद हैं।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को लॉकडाउन की मियाद इस महीने की आखिर तक बढ़ा दी है। सईद ने पिछले महीने सीने में दर्द की शिकायत की थी जिसके बाद अस्पताल में उसकी एंजियोप्लास्टी करायी गई थी। पंजाब पुलिस के आंतकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने सूबे के विभिन्न शहरों में आतंकी गतिविधियों का वित्तपोषण करने के लिए सईद और उसके सहयोगियों के खिलाफ 23 प्राथमिकी दर्ज की है। सईद नीत जमात-उद्-दावा आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है जो 2008 में मुंबई पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार है जिसमें छह अमेरिकियों सहित 166 लोगों की मौत हुई थी।
अमेरिका ने 2012 में सईद को वैश्विक आतंकवादी की सूची में डाला और उसको न्याय के कटघरे में लाने लायक सूचना देने वाले को एक करोड़ डॉलर का इनाम देने की घोषणा की। दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 1267 के तहत उसे आतंकवादी घोषित किया गया। फरवरी में लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत ने सईद और उसके करीबी सहयोगी ज़़फर इकबाल को दो मामलों में बारी-बारी से साढ़े-साढ़े पांच साल कैद और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।