मुजफ्फरगढ़ (पाकिस्तान): पाकिस्तान में कोरोना वायरस से लड़ रहे चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की कमी से न केवल जूझ रहे हैं बल्कि इसकी वजह से वे खुद भी इसकी चपेट में आ जा रहे हैं। पंजाब प्रांत के मुजफ्फरगढ़ में ऐसे ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए ग्यारह युवा चिकित्सकों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की। वे इतने पर ही नहीं माने और उन्होंने एक रेजिडेंशियल सोसाइटी में घुसकर भी तोड़फोड़ की। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना पॉजिटिव पाए गए ग्यारह युवा चिकित्सकों ने रेसेप तैयप एर्दोगान अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया और अस्पताल की संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचाया। खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए और फर्नीचर को भी तोड़ डाला। यह चिकित्सक अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं की कमी को लेकर नाराजगी जता रहे थे।
अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद यह डॉक्टर पास स्थित अल्लामा इकबाल रिहाइशी सोसाइटी में पहुंचे और वहां भी तोड़फोड़ शुरू कर दी। अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और डॉक्टरों को समझाया कि उनसे सोसाइटी में संक्रमण फैल सकता है जहां रहने वालों का उनकी समस्या से कोई लेना देना नहीं है।
अस्पताल प्रबंधन के सूत्रों ने बताया कि यह सभी डॉक्टर डीजी खान स्थित एक अस्पताल पहुंचे थे और प्रोटोकॉल के तहत अपने लिए अलग कमरों की मांग की थी। इसीलिए हंगामे के बाद इन डॉक्टरों को डीजी खान स्थित इसी अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया गया।
रेसेप तैयप एर्दोगान अस्पताल प्रबंधन ने घटना की रिपोर्ट पंजाब प्रांत के स्वास्थ्य सचिव को भेजी है। खतरा अल्लामा इकबाल सोसाइटी के निवासियों में संक्रमण का है। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि डॉक्टर सोसाइटी के अंदर नहीं गए थे, इसके गेट पर ही रुक गए थे।