रावलपिंडी: पाकिस्तान में लापता हो जाने वाले लोगों की रिहाई के लिए आवाज उठाने वाले पूर्व कर्नल एक दिन अचानक खुद ही लापता हो गए। उनका मामला जब अदालत में पहुंचा तो वहां देश के रक्षा मंत्रालय ने माना कि सेवानिवृत्त कर्नल उसकी हिरासत में हैं। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, हिरासत में लिए गए रिटायर्ड कर्नल का नाम इनाम-उर-रहीम है। कर्नल इनाम एक वकील भी हैं। उनके लापता होने के मामले की सुनवाई लाहौर हाईकोर्ट की रावलपिंडी बेंच में हुई।
सुनवाई के दौरान रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि इनाम उनकी हिरासत में हैं। रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि ने अदालत को बताया कि इनाम को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। इनाम के वकील ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय या इससे संबंद्ध कोई संस्था उनके मुवक्किल को अपने पास नहीं रख सकती। अदालत ने सरकारी प्रतिनिधियों के रवैये के प्रति अपनी नाराजगी जताते हुए एडिशनल अटॉर्नी जनरल को अदालत में तलब किया है। सेवानिवृत्त कर्नल इनाम-उर-रहीम देश में लापता लोगों के मुकदमों में पैरवी कर रहे थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 16 दिसंबर को रावलपिंडी स्थित उनके घर से उन्हें उठा लिया गया। इनाम के बेटे हसनैन इनाम ने बताया कि 16 दिसंबर की रात साढ़े बारह बजे घर की घंटी बजी थी। उन्होंने दरवाजा खोला। काले कपड़े पहने हुए 8 से 10 की संख्या में सशस्त्र लोग घर में जबरन घुस गए और उनके पिता को जबरदस्ती गाड़ी में डालकर अपने साथ ले गए। हसनैन ने कहा कि साथ ही इन लोगों ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई तो इसका अंजाम उनके लिए भी अच्छा नहीं होगा।