इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद ने सोमवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए कोरोना वायरस की महामारी के दौरान लोगों की मदद के लिए खर्च की जा रही राशि में पारदर्शिता की कमी को लेकर सरकार की आलोचना की। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में कोविड-19 के 8,516 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 170 लोगों की मौत हो चुकी है।
अहमद की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘सभी सरकारें (संघीय और प्रांतीय) राहत कार्य पर धन व्यय कर रही हैं लेकिन इसमें पारदर्शिता नहीं दिख रही है। किसी भी चरण में पारदर्शिता नहीं है।’’ उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के मद्देनजर गरीबों की मदद के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने 144 अरब रुपये की सामाजिक सुरक्षा पैकेज की घोषणा की है।
योजना के तहत 1.2 करोड़ परिवारों को 12-12 हजार रुपये की चार महीने तक सहायता दी जानी है। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति उमर अटा बंदियाल ने कहा कि संघीय सरकार ने राशि को सही तरीके से इस्तेमाल करने की प्रक्रिया सुनिश्चित किए बिना नौ अरब रुपये सूबों को आंविटत कर दिए।