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नवाज शरीफ को जेल में रखने के लिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने जूनियर जज पर डाला था दबाव: रिपोर्ट

नवाज शरीफ और मरियम नवाज को भ्रष्टाचार के आरोप में एक निचले न्यायालय ने दोषी पाया था लेकिन उनके वकील ने हाईकोर्ट में निचले न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए जुलाई अंत की तिथि दी थी, यानि 25 जुलाई को चुनाव के बाद की तिथि दी गई थी। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 15, 2021 16:19 IST
Nawaz Sharif, Former Pakistan PM - India TV Hindi
Image Source : AP FILE PHOTO Nawaz Sharif, Former Pakistan PM 

Highlights

  • गिलगिट बाल्टिस्तान के उच्च न्यायालाय के पूर्व वरिष्ठ जज राना एम शमीम ने अपने एक शपथपत्र में यह बात कही
  • पाकिस्तान के मीडिया में सामने आई यह रिपोर्ट बताती है कि वहां की न्यायप्रक्रिया कितनी भ्रष्ट है
  • बड़ा सवाल यह भी है कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने किसके कहने पर जज को आदेश दिया था

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी बेटी मरियम नवाज को जेल में रखने के लिए पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJP) साकिब निसार ने वहां की हाईकोर्ट के एक जज पर दबाव बनाया था और कहा था कि 2018 के आम चुनाव से पहले नवाज शरीफ तथा मरियम नवाज जेल से बाहर नहीं आने चाहिए। पाकिस्तानी मीडिया में छपी रिपोर्ट्स में यह छापा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र गिलगिट बाल्टिस्तान के उच्च न्यायालाय के पूर्व वरिष्ठ जज राना एम शमीम ने अपने एक शपथपत्र में यह बात कही है। 

रिपोर्ट्स के अनुसार शपथ आयुक्त के सामने रखे अपने शपथपत्र में जज शमीम ने कहा की जब पाकिस्तान का मुख्य न्यायाधीश घूमने के लिए गिलगिट बाल्टिस्तान आया हुआ था और वह फोन पर पाकिस्तानी पंजाब के उच्च न्यायालय के एक जज को कह रहा था कि नवाज शरीफ और मरियम नवाज किसी भी हालत में 25 जुलाई 2018 के आम चुनाव से पहले जेल से बाहर नहीं आने चाहिए। 

नवाज शरीफ और मरियम नवाज को भ्रष्टाचार के आरोप में एक निचले न्यायालय ने दोषी पाया था लेकिन उनके वकील ने हाईकोर्ट में निचले न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए जुलाई अंत की तिथि दी थी, यानि 25 जुलाई को चुनाव के बाद की तिथि दी गई थी। 

पाकिस्तान के मीडिया में सामने आई यह रिपोर्ट बताती है कि वहां की न्यायप्रक्रिया कितनी भ्रष्ट है। बड़ा सवाल यह भी बनता है कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने किसके कहने पर जज को आदेश दिया था कि नवाज शरीफ और मरियम नवाज जेल से बाहर नहीं आने चाहिए। 2018 में हुए आम चुनावों में इमरान खान की पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थी लेकिन वह बहुमत से दूर रही थी। आरोप लगे थे कि पाकिस्तान की सेना ने इमरान खान की पार्टी को जितवाने तथा नवाज शरीफ की पार्टी को हरवाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। यानि यह साफ है कि पाकिस्तान की सेना के कहने पर ही वहां के मुख्य न्यायाधीश ने नवाज शरीफ तथा मरियम नवाज को जेल में रखने का आदेश दिया था। 

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