इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आतंकवाद और उसके वित्त पोषण पर रोक लगाने के लिए एक वैश्विक निगरानी संस्था समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के देश पर बढ़ते दबाव के बीच हाफिज सईद के आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के एक नए नए छद्म संगठन तहरीक-ए-आजादी जम्मू-कश्मीर पर गुपचुप तरीके से प्रतिबंध लगा दिया है। तहरीक ने लाहौर में सईद को 90 दिन के लिए नजरबंद किए जाने के बाद 5 फरवरी को कश्मीर दिवस पर पाकिस्तान भर में बैनर लहराने और कश्मीर की आजादी के समर्थन में रैलियां करने पर जमात-उद-दावा के एक नए छद्म संगठन के तौर पर पहचान हासिल की थी।
वर्ष 2008 के मुंबई हमले के सरगना ने अपनी नजरबंदी से एक सप्ताह पहले ऐसे संकेत दिए थे कि वह कश्मीर की आजादी के अभियान को तेज करने के लिए तहरीक की स्थापना कर सकता है। मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे। जमात-उद-दावा को नए सिरे से तहरीक के रूप में शुरू करना दिखाता है कि सईद ने इस बात पर काम किया है कि जमात उद दावा और उससे जुड़े फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर कार्रवाई के बाद कैसे उसे फिर से खड़ा किया जा सकता है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध सूची के अनुसार, स्पेन में वित्तीय कार्रवाई बल (FATF) की बैठक से पहले 8 जून को जमात उद दावा को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाल दिया गया था। द नेशन की रिपोर्ट के मुताबिक जमात-उद-दावा ने अपने नए मोर्चे पर प्रतिबंध पर चर्चा करने के लिए सोमवर को एक बैठक बुलाई।
प्रतिबंधित संगठनों की सूची में भारत में 26/11 हमले और कई अन्य हमले करने के लिए जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान और जमात-उद-दावा की सशस्त्र इकाई लश्कर-ए-तैयबा समेत 64 अन्य संगठन भी शामिल है। एक पाकिस्तानी अखबार में शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘पाकिस्तान इस बात को लेकर FATF के रडार पर है कि वह संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध संगठनों के खिलाफ प्रतिबंधों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहा है।’ भारत ने इस वर्ष फरवरी ने FATF में आतंकवाद के वित्त पोषण का मुद्दा उठाया था। पाकिस्तान सरकार पर आतंकवादी नेटवर्कों और उनके मोर्चों पर कार्वाई करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। बहरहाल, खबर के मुताबिक, पाकिस्तान अधिकारियों को उम्मीद है कि पाकिस्तान इन परेशानियों से बाहर निकल आएगा।
संयुक्त राष्ट्र ने जमात-उद-दावा को 2008 में अपनी निगरानी सूची में रखा था। TAJK पर कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन से एक दिन पहले 8 जून को प्रतिबंध लगाया गया। भारत ने इस सम्मेलन में आतंकवादी संगठनों और उनके मोर्चों के वित्त पोषण पर लगाम लगाने के लिए एससीओ के सदस्यों पर दबाव डाला था। बीते सप्ताह अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। यह घोषणा तब की गई जब कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली द्विपक्षीय मुलाकात होनी थी।