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पाकिस्तान ने पबजी के बाद बिगो एप पर प्रतिबंध लगाया, टिकटॉक को चेतावनी

यह कदम एक ऐसे समय में उठाया गया है जब टिकटॉक पर अश्लीलता व अनैतिकता फैलाने का आरोप लगाते हुए इस पर रोक लगाने की मांग के साथ लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। 

Written by: IANS
Published on: July 21, 2020 20:04 IST
Pakistan bans Bigo App after Pubg warns TikTok । पाकिस्तान ने पबजी के बाद बिगो एप पर प्रतिबंध लगाया,- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE पाकिस्तान ने पबजी के बाद बिगो एप पर प्रतिबंध लगाया, टिकटॉक को चेतावनी

इस्लामाबाद. पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने ऑनलाइन गेम पबजी पर प्रतिबंध लगाने के बाद देश में लाइव स्ट्रीमिंग एप्लीकेशन बिगो लाइव पर प्रतिबंध लगा दिया है। पीटीए ने 'अश्लील' और 'अनैतिक' सामग्री को लेकर सोशल मीडिया एप्लीकेशन टिकटॉक को 'अंतिम' चेतावनी भी दी है।

पीटीए की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि समाज के विभिन्न वर्गो से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, विशेष रूप से टिकटॉक और बिगो लाइव के खिलाफ 'अनैतिक और अश्लील' सामग्री को लेकर शिकायतें मिली थीं। इसके बाद बिगो लाइव को प्रतिबंधित कर दिया गया और और टिकटॉक को चेतावनी दी गई।

बयान में कहा गया है कि पीटीए ने इन कंपनियों को पहले इन शिकायतों के संदर्भ में नोटिस जारी किया। लेकिन, इनके जवाब अधिकारियों को संतुष्ट करने में विफल रहे जिसके बाद कार्रवाई की गई। बयान में कहा गया है, "इसलिए पीटीए ने प्रावधानों के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिगो को तुरंत ब्लॉक करने का निर्णय लिया। साथ ही, टिकटॉक को अंतिम चेतावनी दी गई है कि वह अपने प्लेटफार्म पर अश्लीलता और अनैतिकता को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक तंत्र विकसित करे।"

यह कदम एक ऐसे समय में उठाया गया है जब टिकटॉक पर अश्लीलता व अनैतिकता फैलाने का आरोप लगाते हुए इस पर रोक लगाने की मांग के साथ लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इससे पहले जुलाई में पीटीए ने ऑनलाइन गेमिंग साइट पबजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। यह कदम देश के विभिन्न हिस्सों से युवाओं द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद उठाया गया जिनके बारे में कहा गया कि पबजी गेम लेवल व टास्क को पूरा नहीं करने की वजह से कुछ युवाओं ने कथित तौर पर अपनी जान ले ली।

हालांकि, पबजी पर प्रतिबंध को अदालतों में दायर कई याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गई है, जिसमें दलील दी गई है कि वीडियो गेम को सेंसर करने का कोई कानूनी आधार नहीं है। डिजिटल अधिकार समूहों का कहना है कि पीटीए ने प्रतिबंध के लिए किसी भी कानूनी प्रावधान का हवाला नहीं दिया है। हालांकि, पीटीए ने इलेक्ट्रॉनिक क्राइम एक्ट, 2016 की धारा 37 का हवाला देते हुए अपनी कार्रवाई का बचाव किया जो इसे 'गैरकानूनी ऑनलाइन सामग्री' को अवरुद्ध करने का अधिकार देती है।

दिलचस्प बात यह है कि सोशल मीडिया साइट और एप पर पीटीए के प्रतिबंध का संघीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने विरोध किया है, जो कहते हैं कि इस तरह के प्रतिबंध प्रौद्योगिकी उद्योग की हत्या कर रहे हैं। चौधरी ने उम्मीद जताई कि आईटी मंत्रालय प्रतिबंध का संज्ञान लेगा और पीटीए को इस तरह के प्रतिबंधों को प्रोत्साहित नहीं करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रतिबंध दीर्घकाल में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी के विकास को नुकसान पहुंचाएंगे।

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