इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि को ध्यान में रखते हुए भारत के साथ अपने जल विवाद के हल के लिए विश्व बैंक से पंचाट गठित कर अपने दायित्वों को पूरा करने का अनुरोध किया है। भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधि रातले एवं किशनगंगा पनबिजली परियोजनाओं को लेकर दूसरी चरण की बातचीत के लिए बीते 14 और 15 सितंबर को वि बैंक मुख्यालय में मिले थे जिसके बाद पाकिस्तान ने यह अनुरोध किया। दोनों परियोजनाओं को लेकर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है।
एक पाकिस्तानी अखबार ने सूत्रों का हवाला देते हुए अपनी खबर में कहा कि एक साल से ज्यादा समय गुजर जाने के बावजूद विश्व बैंक ने पंचाट का गठन नहीं किया है। अखबार के मुताबिक, पाकिस्तान ने अब पंचाट का गठन कर संधि के तहत विश्व बैंक से उसके दायित्वों को पूरा करने का अनुरोध किया है। इससे पहले दोनों देशों के बीच हुई सचिव स्तर की बातचीत बिना किसी सहमति के खत्म हुई। विश्व बैंक ने बातचीत के बाद एक बयान में कहा, ‘जहां बैठकों के खत्म होने के साथ कोई सहमति नहीं बनी, वहीं विश्व बैंक एक मैत्रीपूर्ण तरीके से तथा संधि के प्रावधानों के अनुरूप मुद्दों के हल के लिए दोनों देशों के साथ काम करता रहेगा।’
बयान के अनुसार, दोनों देशों और विश्व बैंक ने चर्चाओं की सराहना की तथा संधि को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। बयान में कहा गया कि विश्व बैंक दोनों देशों के साथ लगातार सहयोग कर संधि के तहत अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में अच्छे इरादे तथा पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ काम करने की प्रतिबद्धता बनाए हुए है। भारत और पाकिस्तान ने विश्व बैंक की मदद से 9 साल तक बातचीत करने के बाद 1960 में संधि जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे। संधि पर विश्व बैंक ने भी हस्ताक्षर किया है।