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किताब पर बवाल: पाकिस्तानी सेना ने ISI के पूर्व चीफ दुर्रानी द्वारा किए गए खुलासों की जांच के आदेश दिए

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी और भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत द्वारा लिखी गई किताब 'स्पाई क्रॉनिकल्स' पर पाकिस्तान में तहलका मच गया है...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 28, 2018 19:08 IST
Pakistan Army orders inquiry into revelations made by ex-ISI chief | Photo: Twitter- India TV Hindi
Pakistan Army orders inquiry into revelations made by ex-ISI chief | Photo: Twitter

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी और भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत द्वारा लिखी गई किताब 'स्पाई क्रॉनिकल्स' पर पाकिस्तान में तहलका मच गया है। पाकिस्तान में दबदबा रखने वाली सेना ने खुफिया एजेंसी ISI के पूर्व प्रमुख लेफ्टीनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असद दुर्रानी द्वारा किए गए खुलासों पर आज कोर्ट आफ इंक्वायरी के आदेश दिए। सेना ने सरकार से दुर्रानी का नाम निकासी पाबंदी सूची (ECL) में डालने को कहा है ताकि उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता और इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डायरेक्टर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी।

गौरतलब है कि दुर्रानी को आज रावलपिंडी में स्थित जनरल मुख्यालय (GHQ) में पेश होने के लिए कहा गया था। उनको अपनी किताब 'स्पाई क्रॉनिकल' में शामिल उनके विचारों पर अपना रुख साफ करने के लिए समन भेजा गया था। दुर्रानी और दुलत द्वारा मिलकर लिखी गई इस किताब में कश्मीर, हाफिज सईद और 26/11, कुलभूषण जाधव, सर्जिकल स्ट्राइक, ओसामा बिन लादेन के लिए सौदेबाजी, अमेरिका और रूस की भारत-पाकिस्तान के संबंधों में भूमिका, वार्ता में दोनों देशों के प्रयासों को आतंक कैसे कमजोर करता है, इन सभी मुद्दों पर दो प्रमुख जासूसों के दृष्टिकोण, धारणाएं और कथ्य शामिल हैं।

‘अपने ही लोगों’ द्वारा निशाना बनाए जाने पर दुखी हैं दुर्रानी

उधर, दुर्रानी ने अपनी किताब को लेकर पैदा हुए विवाद पर ‘अपने ही लोगों’ द्वारा निशाना बनाये जाने पर दुख प्रकट किया है। दुर्रानी ने किताब के प्रकाशन के बाद उनसे किए जा रहे व्यवहार के बारे में ट्विटर पर दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा, ‘मेरे अपने लोगों के आरोपों से मैं दुखी हूं। मैंने अपने जीवन को दांव पर लगाकर पाकिस्तान की सेवा की। दूसरों के लिए नि:स्वार्थ जीवन व्यतीत करने वालों को कभी वह सम्मान नहीं मिलता, जिसके वे हकदार होते हैं और इसकी बजाय अपने फायदे के लिए किसी भी तरह का गलत काम करने वालों के साथ राजा की तरह व्यवहार किया जाता है।’ उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने किन के लिए ‘मेरे अपने लोग’ का इस्तेमाल किया था लेकिन संभवत: उन्होंने सेना के लोगों के लिए इस संबोधन का इस्तेमाल किया था।

दिल्ली में हुआ था किताब का विमोचन
दुलत और दुर्रानी इस्तांबुल, बैंकॉक और काठमांडू जैसे शहरों में मिले और उनकी कुल बैठकों से 1.7 लाख शब्द बाहर आए, जिसमें से आधे का पुस्तक में जिक्र है। पुस्तक का विमोचन पूर्व भारतीय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और कई राजनीतिक हस्तियों ने बुधवार को नई दिल्ली में किया था। आपको बता दें कि इसके पहले नवाज शरीफ के उस बयान पर भी पाकिस्तान में काफी बवाल हुआ था जिसमें उन्होंने 26/11 के मुंबई हमलों में अपने देश का हाथ होने की बात कबूली थी। किताब सामने आने के बाद शरीफ ने NSC से मामले में बैठक बुलाने की मांग की थी।

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