इस्लामाबाद: भारत से हर मोर्चे पर मुंह की खाने के बाद से पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है, उटपटांग बयान दे रहा है लेकिन फिर भी बाज नहीं आ रहा है। अब पाकिस्तान अपने तथाकथित दोस्त चीन की शरण में पहुंचा है। पाकिस्तान और चीन ने रक्षा सहयोग और पाकिस्तानी सेना की निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
दोनों सेनाओं के शीर्ष जनरलों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी चर्चा की। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन के केन्द्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष जनरल जू किलियांग सोमवार को एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय गये और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा के साथ एक बैठक की।
पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (आईएसपीआर) ने बताया कि बैठक के दौरान आपसी हित के मुद्दों, क्षेत्रीय सुरक्षा, द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने के उपायों और कश्मीर की स्थिति पर विशेष तौर पर चर्चा की गई। आईएसपीआर के बयान के अनुसार किलियांग ने कहा, ‘‘चीन, पाकिस्तान और उसकी सेना के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है और इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए तत्पर है।’’
रक्षा सहयोग और पाकिस्तान सेना की निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह स्पष्ट रूप से बताता रहा है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाया जाना उसका आतंरिक मामला है और उसने पाकिस्तान को यह सच्चाई स्वीकार करने की भी सलाह दी थी।
(इनपुट- भाषा)