इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि बीजिंग के साथ इस्लामाबाद की ‘बेहद निकटता और करीबी संबंध’ की वजह से पाकिस्तान चीन में उइगर मुस्लिम के साथ व्यवहार संबंधी आरोपों पर ‘चीन के बयानों’ को स्वीकार करता है। चीन के अशांत प्रांत शिनजियांग में उइगर एक अल्पसंख्यक मुस्लिम जातीय समुदाय है। अमेरिका और यूरोपीय संघ समेत कई अन्य देशों ने चीन पर संसाधन संपन्न शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ दमन और नरसंहार का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार समूहों द्वारा अंतरराष्ट्रीय जांच किए जाने की मांग की है।
‘चीन के बयान को स्वीकार करता हूं’
चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के मौके पर चीन के पत्रकारों से बात करते हुए खान ने कहा कि वह उइगर मुस्लिम मुद्दे पर चीन के उस बयान को स्वीकार करते हैं कि पश्चिमी मीडिया इस मुद्दे को बिल्कुल अलग तरह से प्रस्तुत कर रहा है। डॉन अखबार ने खान के बयान के हवाले से कहा, ‘चीन के साथ हमारे करीबी संबंधों की वजह से हम वास्तव में चीन के बयानों को स्वीकार करते हैं।’ कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में हाल के वर्षों में पुनः शिक्षा शिविरों में करीब 10 लाख लोगों को बंद रहने का अनुमान है, जिनमें से ज्यादातर उइगर मुस्लिम हैं।
उइगरों से जबरन मजदूरी कराते हैं अधिकारी
चीन के अधिकारियों पर आरोप है कि वे यहां लोगों से जबरन मजदूरी कराते हैं तथा व्यवस्थित तौर पर जन्म नियंत्रण का तंत्र बना रखा है। वहीं उत्पीड़न के साथ-साथ कैद माता-पिता से बच्चों को अलग रखने का आरोप है। चीन लगातार लाखों उइगर मिस्लिमों को हिरासत शिविरों में रखने के आरोपों से इनकार करता रहा है और इसे वह धार्मिक उन्माद से लोगों को दूर रखने के लिए शिक्षा शिविर करार देता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह पाखंड है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मानवाधिकारों का जघन्य उल्लंघन हो रहा है लेकिन पश्चिमी मीडिया शायद ही कभी उस पर टिप्पणी करता हो।’
चीन के साथ रिश्ते से भारत का लेना-देना नहीं
खान ने उइगर मुसलमानों की स्थिति और हांगकांग मु्द्दे पर रिपोर्टिंग के लिए पश्चिमी मीडिया की निंदा की। खान ने ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ की तारीफ करते हुए इसे पश्चिमी लोकतंत्र का ‘विकल्प’ करार दिया। चीन के साथ पाकिस्तान के मजबूत संबंधों का उल्लेख करते हुए खान ने कहा कि पाकिस्तान जब कभी राजनीतिक या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुसीबत में आया तो चीन उसके साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच संबंध का भारत से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमारा संबंध द्विपक्षीय है और यह बेहद मज़बूत है।’ इस तरह देखा जाए तो अक्सर मुस्लिम अधिकारों को लेकर मुखर रहने वाले खान ने चीन में उइगरों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया है।