इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने आज एक टेलीविजन एंकर के उनके शो की मेजबानी करने पर तीन महीने की पाबंदी लगा दी क्योंकि वह पंजाब प्रांत की छह साल की लड़की के बलात्कार और हत्या के लिए दोषी व्यक्ति के खिलाफ अपने आरोप साबित करने में नाकाम रहे। प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार ने समाचार चैनल‘ टीवी वन’ के एंकर शाहिद मसूद को बिना शर्त लिखित माफी मांगने का भी निर्देश दिया। मसूद ने जनवरी में अपने एक कार्यक्रम में कहा था कि इमरान अली एक पोर्नोग्राफी गिरोह का सदस्य था जिसमें प्रमुख नेता भी शामिल थे। मसूद ने यह भी दावा किय था कि अली के 37 विदेशी खाते हैं और उसे विदेश से धन भेजा गया। (अंटार्कटिका में विशालकाय ग्लेशियर के पिघलने की आशंका, भयावह होंगे परिणाम )
प्रधान न्यायाधीश ने मसूद द्वारा उनके कार्यक्रम में किये गये दावों पर स्वत: संज्ञान लिया। इसके बाद भी मसूद अपने दावों पर अडिग रहे। अदालत ने आधिकारिक जांच के आदेश दिये और रिपोर्ट में कहा गया कि आरोप झूठे हैं। सुनवाई के दौरान, एंकर ने बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि अदालत को गुमराह करने पर‘‘ तहेदिल से अफसोस जताता हूं।’’ लेकिन न्यायमूर्ति निसार ने उनकी मौखिक माफी खारिज कर दी और कहा, ‘‘ मैं आपको सजा दिये बिना माफ नहीं करूंगा।’’
इसके बाद अदालत ने उन पर तीन महीने तक टीवी शो की मेजबानी करने पर रोक लगा दी। छह साल की लड़की के बलात्कार और हत्या के बाद पाकिस्तान में भारी आक्रोश पैदा हो गया था लेकिन अली के गिरफ्तार होने तथा पिछले महीने आतंकवाद रोधी अदालत द्वारा मौत की सजा दिये जाने के बाद देश के लोगों का गुस्सा कुछ ठंडा हुआ था। अली फिलहाल जेल में बंद है और दोषसिद्धि के खिलाफ उच्च न्यायालय में उसकी अपील पर फैसला लंबित है।