लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम और विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन के अन्य शीर्ष नेताओं के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह और अन्य गंभीर आरोपों में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इन सभी पर कथित रूप से सेना और न्यायपालिका के खिलाफ षड्यंत्र करने और लोगों को इनके खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया है। लाहौर पुलिस ने एक व्यक्ति की शिकायत पर सोमवार को मामला दर्ज किया। शिकायत में शरीफ द्वारा हाल ही में लंदन से वीडियो लिंक के जरिए दिए गए दो भाषणों का जिक्र किया गया था जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख (शरीफ) देश की सेना को निशाना बनाते हुए तीखी टिप्पणियां कर रहे हैं।
चौधरी चीनी मिल्स और अल अजिजिया मामलों में चिकित्सा के आधार पर जमानत मिलने के बाद पिछले साल के अंत में लंदन गए शरीफ, प्रधानमंत्री इमरान खान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार और न्यायपालिका तथा सेना सहित तमाम संस्थाओं पर निशाना साध रहे हैं। शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 1993 में राष्ट्रपति ने उन्हें पद से हटा दिया, दूसरी बाद 1999 में सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने उन्हें पद से हटाया।
वहीं भ्रष्टाचार के के आरोप में 2017 में अदालत ने उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया। जिसके बाद 2018 में क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान खान देश के प्रधानमंत्री बने। शिकायत के आधार पर साइबर अपराध की धारा 10, पाकिस्तान दंड संहिता की धाराओं और पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक अपराध कानून (2016) के प्रावधानों 120-ए (आपराधिक षड्यंत्र की परिभाषा), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), 123-ए (राष्ट्र के गठन की आलोचना करना और उसकी सम्प्रभुता समाप्त करने की वकालत करना), 124-ए (देशद्रोह) और 153-ए (विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मन को बढ़ावा देना) में मामला दर्ज किया गया है।
अपने भाषणों में 70 वर्षीय शरीफ ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना ने 2018 के चुनावों में धांधली कर खान को सत्ता पर काबिज कराया। पाकिस्तान के अस्तित्व के लगभग सात दशकों में से आधे वक्त यहां सैन्य शासन रहा है और बाकि के वक्त भी सरकारों पर सेना की पकड़ काफी मजबूत रही है। शरीफ ने राजनीति में शामिल होने, निर्वाचित सरकार के खिलाफ साजिश करने और अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए न्यायपालिका का इस्तेमान करने जैसे आरोप सेना पर लगाए हैं।
तमाम अन्य आरोपों के अलावा शरीफ ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया। शरीफ का कहना है कि 2014 में इस्लामाबाद में इमरान खान के धरने के दौरान खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिपेंट जनरल जहीरुल इस्लाम ने उन्हें आधी रात को संदेश दिया कि वह इस्तीफा दे दें, या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें, या फिर देश में मार्शल लॉ (सैन्य कानून) भी लगाया जा सकता है।
प्राथमिकी के अनुसार, लंदन में इलाज कराने की जगह शरीफ पाकिस्तान और उसकी संस्थाओं, सेना तथा न्यायपालिका को बदनाम करने के लिए योजनाबद्ध साजिश कर रहे हैं। उसमें आरोप लगाया गया है कि अपने भाषणा के जरिए शरीफ भारत की नीतियों का समर्थन कर रहे हैं कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में रहना चाहिए और पूरी दुनिया में उसे अलग-थलग रखना चाहिए।
प्राथमिकी में पीएमएल-एन नेताओं मरियम, अहसान इकबाल, राणा सनाउल्ला, शाहिद खाकान अब्बासी, परवेज राशिद, मरियम औरंगजेब और अन्य के नाम शामिल हैं। पार्टी प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने ट्वीट किया है कि पार्टी नेतृत्व के खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मामला दिखाता है कि इमरान खान की निर्वाचित सरकार घबरा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई और लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली आवाज को ऐसे फर्जी और आधारहीन मामलों के बल पर दबाया नहीं जा सकता। राजनीतिक विरोधी, मीडिया और मानवाधिकार तथा लोकतंत्र के लिए लड़ने वालों को अब आतंकवादी बताया जा रहा है।’’ वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अब्बासी ने संघ सरकार को प्राथमिकी में नामजद लोगों को गिरफ्तार करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपमें साहस है तो आएं, हमें गिरफ्तार करें। यह पाकिस्तान के काल्पनिक इतिहास के किताब में एक और कलंक है।’’