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पाक PM नवाज शरीफ ने दिया इस्‍तीफा, पनामा पेपर्स से हिली दुनिया, जानिए क्या है पूरा मामला

इस खुलासे में दुनियाभर की राजनीतिक हस्तियों में 12 मौजूदा या पूर्व राष्ट्र प्रमुख शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में ये रिकॉर्ड जर्मन अखबार सुडूशे जीतुंग ने एक अज्ञात सूत्र से प्राप्त किए हैं और इसे अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ (आईसीआईजे) के जरिए दुनि

Written by: India TV News Desk
Updated : July 28, 2017 14:50 IST
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इस्लामाबाद: पनामा मामले में पाकिस्‍तान सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हए नवाज शरीफ को दोषी ठहराया है। पांच जजों की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नवाज शरीफ के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उनको प्रधानमंत्री पद के अयोग्‍य ठहरा दिया है। इस फैसले के बाद अब नवाज शरीफ पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नहीं रह सकते थे। लिहाजा नवाज शरीफ ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया और केंद्रीय मंत्रिमंडल को बर्खास्‍त कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला

टैक्स बचाने वाले दुनिया के अमीर लोगों से जुड़ा अब तक का सबसे बड़ा खुलासा सामने आया था। पनामा की एक लॉ फर्म से लीक हुए करोड़ों के दस्तावेजों ने दुनियाभर की तमाम बड़ी हस्तियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी धांधली में व्लादिमीर पुतिन, नवाज शरीफ, शी जिनपिंग और फुटबॉलर मैसी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

इस खुलासे में दुनियाभर की राजनीतिक हस्तियों में 12 मौजूदा या पूर्व राष्ट्र प्रमुख शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में ये रिकॉर्ड जर्मन अखबार सुडूशे जीतुंग ने एक अज्ञात सूत्र से प्राप्त किए हैं और इसे अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ (आईसीआईजे) के जरिए दुनिया भर के मीडिया के साथ साझा कर दिया। आईसीआईजे ने कहा कि इस जांच के तहत विदेशों में स्थित 2.14 लाख प्रतिष्ठानों से 1.15 करोड़ दस्तावेज प्राप्त किए गए।

लीक हुए दस्तावेज पनामा की विधि फर्म मोजैक फोंसेका से आए। इस फर्म के 35 से भी अधिक देशों में दफ्तर हैं। जिन लोगों के नाम दस्तावेजों की इस भारी लीक में सामने आए हैं, उनपर इसका गंभीर राजनीतिक असर पड़ सकता है। आईसीआईजे की जांच में जिन लोगों के बारे में मुख्य दावे किए गए हैं, उनमें पुतिन के करीबी सहयोगी शामिल हैं। इन्होंने बैंकों और छद्म कंपनियों के जरिए दो अरब डॉलर का गुप्त घालमेल किया।

क्या हैं पनामा पेपर:

हाल ही में लीक हुए पनामा पेपर पनामा (मध्य अमेरिका का एक देश) स्थित मोजैक फोंसेका नामक फर्म के वो दस्तावेज हैं जो निवेशकों को कर बचाने, काले पैसे को सफेद करने और अन्य कामों से जुड़े होते हैं।

हालांकि खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय संघ, जो टीम इस पनामा पेपर्स के पीछे है उसका कहना है कि इस बात की संभावना तेज हैं कि इन विदेशी कंपनियों में से कई सारी कंपनियां ऐसी गतिविधियां वैध रूप से कर रही हैं।

पनामा पेपर्स इस तरह से काम करने वाला अपने आप में दुनिया का एक बड़ा संगठन है। बीते एक साल में करीब 80 देशों के 100 से अधिक मीडिया संगठनों के 400 पत्रकारों ने दस्तावेजों का गहन शोध किया है। मीडिया के जो बड़े संगठन इसमें शामिल हैं उनमें बीबीसी, गार्जियन, Süddeutsche Zeitung और फॉल्टर जैसे बड़े बैनरों ने भी इस परियोजना पर काम किया है।

हुआ बड़े नामों का खुलासा:

मीडिया जगत में इसे अब तक का सबसे बड़ा खुलासा बताया जा रहा है। इस खुलासे में फीफा की एथिक्स कमेटी के सदस्य जुआन पेड्रो डेमियानी का नाम सामने आया है, साथ ही फीफा के वाइस प्रेसिडेंट इयूगेनियो फिगुराडो समेत कई बड़े नाम सामने आए हैं जिन्होंने कर चोरी और काले धन को सफेद करने की कोशिश की है।

क्या है मोजैक फोंसेका:

यह पनामा की लॉ फर्म है जो दुनियाभर की गुमनाम कंपनियों को बेचती है। ये कंपनी अपने प्रवर्तकों को उनकी बिजनेस डीलिंग को छुपाने की अनुमति देती है। मोजैक फोंसेका के दुनियाभर में दर्जनों ऑफिस हैं। ये हजारों कंपनियों को फंडिग करती है, बेचती है और उनका प्रबंधन देखती है। ये कंपनी ज्यूरिख, लंदन और हॉन्ग-कॉन्ग जैसे शहरों में शेल कंपनियों की बिक्री करती है। जो कोई भी इन कंपनियों को खरीदना चाहता है उसे मोजैक फोंसेका के तहत ही खरीदारी करनी पड़ती है। यह कंपनियों के लिए फर्जी डॉयरेक्टर भी मुहैया कराती है साथ ही कंपनी के मूल शेयर होल्डर्स के नाम भी छुपाए जा सकते हैं। कुल मिलाकर कंपनी इस तरह के कारोबार में है जिसमे विदेशी कंपनियों के असली मालिक का नाम छुपाया जा सकता है।

कैसे लीक हुए पेपर्स:

एक अनाम स्त्रोत ने एक साल पहले जर्मनी के एक अखबार Süddeutsche Zeitung से संपर्क साधा था और उसने मोजैक फोंसेका से मिले कूट दस्तावेज उसे सौंपे। आगामी कुछ महीनों में अखबार ने पाया कि इन दस्तावेजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा था। इसके बाद करीब 2.6 टेराबाइट डेटा को इकट्ठा किया गया जिस पर सबसे बड़ा खुलासा करने के लिए पत्रकारों की एक बड़ी टीम काम कर रही है।

क्या है डेटा में:

लीक हुए दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि विश्व के प्रमुख बैंकों द्वारा संचालित उद्योग, लीगल फर्म और एसेट मैनेजमेंट कंपनियां गुप्त रूप से विश्व की अमीर हस्तियों, राजनेताओं, फीफा के अधिकारियों, ड्रग स्मगलर, फिल्मी हस्तियों और पेशेवर एथलीटों की संपतियों को किस तरह से गुप्त रखा जाता है। इस जांच में एक साफ तस्वीर उभर कर सामने आई है कि किस तरह से विश्व के अमीर लोगों से मोजैक फोंसेका निवेश स्वीकार करती थी।

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