इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक संसदीय समिति ने उस विवादास्पद कानून का अनुमोदन किया है जिसके तहत शक्तिशाली सैन्य बलों की किसी भी तरह की आलोचना या उनका उपहास करने पर दो साल कैद या 50 हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। नेशनल असेंबली की गृह मामलों की स्थायी समिति ने विपक्षी दलों की तीखी निंदा के बावजूद बुधवार को इस कानून को मंजूरी दे दी।
विपक्षी दल इसे मौलिक अधिकारों का विरोधाभासी बता रहे हैं। अपने गठन के बाद से लगभग आधे समय तक सैन्य शासकों के अधीन रहे पाकिस्तान में कई सरकारों को देश की शक्तिशाली सेना के इशारों पर कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटाया जा चुका है। पाकिस्तान में तख्तापलट कोई नई बात नहीं।
पाकिस्तानी दंड संहिता (पीपीसी) में संशोधन के उद्देश्य से लाए गए इस कानून को संसद में सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सांसद अमजद अली खान ने पेश किया।