Tuesday, November 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. जाधव मुद्दे पर पाक मीडिया ने सरकार को चेताया

जाधव मुद्दे पर पाक मीडिया ने सरकार को चेताया

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में जासूसी के लिये मौत का फरमान सुनाये जाने की घटना को पाकिस्तानी मीडिया ने आज अभूतपूर्व बताया है और विशेषज्ञ उसके कूटनीतिक दुष्परिणामों पर ध्यान दिला रहे हैं।

India TV News Desk
Updated on: April 11, 2017 17:56 IST
kulbhushan jadhav- India TV Hindi
kulbhushan jadhav

इस्लामाबाद: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में जासूसी के लिये मौत का फरमान सुनाये जाने की घटना को पाकिस्तानी मीडिया ने आज अभूतपूर्व बताया है और विशेषज्ञ उसके कूटनीतिक दुष्परिणामों पर ध्यान दिला रहे हैं। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी एवं विध्वंसकारी गतिविधियों के लिए दोषी ठहराते हुए उन्हें मौत की सजा सुनायी। सेना की मीडिया शाखा ने कल एक बयान में कहा कि यह सजा फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने सुनायी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इसकी पुष्टि की। दक्षिणपंथी अंग्रेजी भाषी अखबार द नेशन ने अपने पहले पन्ने पर डेथ टू स्पाई स्पाइक्स टेंशन (जासूस की सजाए मौत बढ़ा रही है तनाव) शीर्षक से अपनी प्रमुख खबर में टिप्पणी की कि सोमवार को एक सैन्य अदालत ने दोनों परमाणु सम्पन्न देशों के बीच लंबे समय से जारी तनाव और बढ़ाते हुए हाई प्रोफाइल भारतीय जासूस को सजाए मौत सुनायी।

अखबार ने राजनीतिक एवं रक्षा विशेषज्ञ डॉ. हसन अस्करी के हवाले से लिखा कि जाधव को फांसी देने का फैसला दोनों देशों के बीच तनाव में और इजाफा करेगा। अस्करी ने कहा, सेना ने सख्त सजा दी है जो पाकिस्तानी कानून के मुताबिक है। उन्होंने कहा, लेकिन हमें यह देखना होगा कि पाकिस्तान इसके राजनीतिक एवं कूटनीतिक दुष्प्रभावों को झेल सकता है या नहीं। द नेशन पर नवा-ए-वक्त समूह का मालिकाना हक है, जो परंपरागत रूप से पाकिस्तानी संस्थानों से जुड़ा है और इसे भारत के मुखर आलोचक के तौर पर जाना जाता है। अन्य अखबारों ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है और अधिकतर ने कथित जासूस को सुनायी गयी सजा पर फोकस किया है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपने पन्ने पर सेल्फ कन्फेस्ड इंडियन स्पाई अवार्डेड डेथ सेंटेंस (स्वघोषित भारतीय जासूस को मौत की सजा) शीर्षक से खबर दी है और इस फैसले को अभूतपूर्व बताया है। इसकी रिपोर्ट में इस फैसले से दोनों धुर विरोधी पड़ोसी देशों के बीच तत्काल कटु राजनीतिक विवाद पनपने की आशंका जतायी गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जाधव हुसैन मुबारक पटेल के नाम से पाकिस्तान में गुप्त तरीके से रहकर संचालन कर रहा था। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने इस फैसले को विरल कदम बताया है। अखबार ने कहा कि यह फैसला ऐसे वक्त में सामने आया है जब पाकिस्तान और भारत के बीच पहले से तनाव जारी है। अखबार ने पूरे स्तंभ में खबर प्रकाशित की और फैसले पर विशेषग्यों की राय भी दी।

इसके अनुसार कुछ लोगों का मानना है कि भारत की प्रतिक्रिया मजबूत है जबकि अन्य इस बात पर कायम रहे कि इससे संबंध में कोई नाटकीय बदलाव नहीं होगा। अखबार ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तलत मसूद के हवाले से लिखा, लंबे समय से पाकिस्तान यह साबित करने के लिये संघर्ष कर रहा है कि पाकिस्तान की अस्थिरता में भारत का हाथ है। मामले में मदद मांगने के लिये हमारे राजदूत कई देश गये लेकिन कुछ भी हाथ नहीं आया। अब हमने अपना कदम उठाया है, यही ठीक है। हमें भारत के जवाबी हमले के लिये तैयार रहना चाहिए। मसूद ने कहा, यह सही फैसला है। यह कानून के मुताबिक है और कानूनी तौर पर न्यायोचित है। बहरहाल हमें इस बात के लिये तैयार रहना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसे लेकर प्रतिक्रिया होगी और यहां तक कि पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा पर उल्लंघनों में इजाफा को लेकर भी तैयार रहना चाहिए।

राजनीतिक विशेषज्ञ एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) शहजाद चौधरी ने बताया, मुझे नहीं लगता कि इस फैसले के नतीजतन भारत के साथ हमारे रिश्तों में बदलाव आयेगा। जिओ न्यूज में वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने कहा, सबसे पहले पाकिस्तान को जासूस के खिलाफ मिले सबूतों को सार्वजनिक करना चाहिए और अन्य देशों एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे साझा करना चाहिए। हामिद ने कहा, दूसरी बात यह कि आखिर हर कोई पहले ही भारत की प्रतिक्रिया को लेकर क्यों बात कर रहा है? मेरा मानना है कि भारत को सूझबूझ से काम लेना चाहिए और इस खबर पर बिल्कुल ही प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए। अगर लोगों को अजमल कसाब की फांसी याद हो तो पाकिस्तान इस पूरे मुद्दे पर खामोश रहा था। हमारा विशेषाधिकार सामान्य था, अगर कसाब के खिलाफ सबूत हैं तो उसे भारतीय कानून के मुताबिक सजा सुनायी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, इसलिए भारत को सूझबूझ से काम लेना चाहिए, ना कि इन खबरों पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए और ना ही जाधव को किसी नायक के तौर पर परोसना चाहिए। मीडिया को भी यही लहजा अपनाना चाहिए। वरिष्ठ पीपीपी नेता एवं पाकिस्तान के पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक ने कहा, अगर कानून ने जाधव को दोषी पाया है तो हमें उसे मौत की सजा सुनाने का हक है और सजा का पालन किया जाना चाहिए। हमें भारतीय या अंतरराष्ट्रीय, किसी के भी दबाव में नहीं झुकना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सजा का पालन हो। द न्यूज इंटरनेशनल में जासूस की कहानी का शीर्षक था मिलिट्री कोर्ट अवाड्र्स डेथ सेंटेंस टू कुलभूषण (सैन्य अदालत ने कुलभूषण को मौत की सजा सुनायी)।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement