Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. करतारपुर मसौदा समझौते पर भारत, पाकिस्तान के बीच ‘‘80 प्रतिशत और उससे अधिक’’ सहमति बनी: फैसल

करतारपुर मसौदा समझौते पर भारत, पाकिस्तान के बीच ‘‘80 प्रतिशत और उससे अधिक’’ सहमति बनी: फैसल

लाहौर। भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच वाघा में मैराथन बैठक के बाद एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने रविवार को कहा कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे को चालू करने को लेकर और मसौदा समझौते पर ‘‘80 प्रतिशत और इससे अधिक’’ सहमति बन गई है।

Reported by: Bhasha
Published : July 14, 2019 17:06 IST
Pakistan Foreign Ministry spokesman Mohammad Faisal
Image Source : PTI Pakistan Foreign Ministry spokesman Mohammad Faisal briefs the media before the meeting with Indian officials at Wagah border near Lahore.

लाहौर। भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच वाघा में मैराथन बैठक के बाद एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने रविवार को कहा कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे को चालू करने को लेकर और मसौदा समझौते पर ‘‘80 प्रतिशत और इससे अधिक’’ सहमति बन गई है।

यह गलियारा सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक जाना सुगम बनाएगा। वे इस गलियारे के माध्यम से बिना वीजा के आवागमन कर सकेंगे। उन्हें करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल एक परमिट लेना होगा। करतारपुर साहिब को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने 1522 में स्थापित किया था।

वाघा में चार घंटे चली दूसरे दौर की वार्ता के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एवं 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मोहम्मद फैसल ने कहा कि गलियारे के संबंध वार्ता में सकारात्मक प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘सकारात्मक प्रगति हुई है... दोनों देशों के बीच करतारपुर गलियारा समझौते के संबंध में 80 प्रतिशत और उससे अधिक सहमति बन गई है।’’ 

फैसल ने कहा कि दोनों पक्ष आगामी बैठक में शेष 20 प्रतिशत मामलों को सुलझा लेंगे। संयुक्त बयान के बारे में पूछे जाने पर फैसल ने कहा, ‘‘जब तक अंतिम मसौदे पर सहमति नहीं बन जाती, हम इसे साझा नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि अनसुलझे मामलों पर हमें एक और बैठक करनी होगी।’’

यह पूछे जाने पर कि नवंबर में गलियारा खोले जाने पर कितने भारतीय सिखों को परमिट जारी किया जाएगा, उन्होंने कहा, ‘‘यह संख्या 5000 से 8000 हो सकती है... मैं सटीक संख्या नहीं बता सकता। इस पर अभी निर्णय लिया जाना है।’’

दक्षिण एशिया और दक्षेस के महानिदेशक फैसल ने कहा कि पाकिस्तान ने शांति का पौधा रोपा है। बैठक शुरू होने से पहले फैसल ने कहा था कि पाकिस्तान नवंबर 2019 में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए समय पर गलियारा चालू करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान क्षेत्र में शांति चाहते हैं। वह नवंबर 2019 में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए समय पर गलियारा चालू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’’

Indian Delegation

Image Source : PTI
Indian delegation on its way for the second round of talks between India and Pakistan to finalise modalities of the Kartarpur corridor for Sikh pilgrims, at Wagah border near Amritsar.

भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाघा सीमा पर स्थानीय समयानुसार सुबह नौ बजे पहुंचा और इसके कुछ ही देर बाद दोनों पक्षों की बैठक आरंभ हो गई। आठ सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस सी एल दास ने किया।

ऐतिहासिक गलियारे की कार्यप्रणालियों को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच पहले दौर की वार्ता 14 मार्च को अटारी में ऐसे समय में हुई थी जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति थी। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। 

दूसरे दौर की वार्ता पहले दो अप्रैल को होनी थी लेकिन 10 सदस्यीय पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति में गोपाल सिंह चावला जैसे खालिस्तानी अलगाववादी को नामित किए जाने के बाद भारत ने इसे रद्द कर दिया था। पाकिस्तान ने वाघा में करतारपुर गलियारे पर भारत के साथ चर्चा करने वाले दल से चावला को हटा दिया।

Kartarpur Meeting

Officials during the second round of talks between India and Pakistan to finalise modalities of the Kartarpur corridor for Sikh pilgrims, at Wagah border near Amritsar

दरअसल नयी दिल्ली ने इस परियोजना पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त समिति में एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पर अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत कराया था। ईवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘चावला को महासचिव पद से हटा दिया गया है और वह पीएसजीपीसी का सदस्य नहीं है। चावला उस पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं है जो वाघा में दूसरे चरण की वार्ता में हिस्सा ले रहा है।’’ 

ईटीपीबी एक वैधानिक बोर्ड है जो विभाजन के बाद भारत में बसने वाले हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों तथा मंदिरों का प्रबंधन करता है। अधिकारी ने बताया कि पीएसजीपीसी के प्रधान तारा सिंह को भी हटा दिया गया है और नए अध्यक्ष तथा महासचिव के चयन के लिए जल्द ही नया चुनाव होगा।

अधिकारी ने बताया, ‘‘चावला को हटाना इमरान खान सरकार द्वारा नुकसान की भरपाई करने का कदम दिख रहा है।’’ उन्होंने बताया कि वह इतना विवादित हो गया कि इमरान खान सरकार पूरे पीएसजीपीसी में सुधार लाने के लिए मजबूर हो गई।

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान इस गलियारे के निर्माण के लिए सहमत हुए थे। गुरदासपुर जिले में 26 नवंबर को और इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के नरोवाल (लाहौर से 125 किमी दूर) में इस गलियारे की आधारशिला रखी गई थी। 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement
detail