इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रशासन ने ‘आजादी मार्च’ के तहत बड़ी संख्या में इस्लामाबाद आ रहे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किये हैं। शहर में प्रवेश करने के रास्तों को शिपिंग कंटेनर से बाधित कर दिया गया है और बड़ी संख्या में सेना के जवानों की तैनाती की गई है। प्रदर्शनकारी 2018 के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा ए इस्लाम फज़ल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ मिलकर सिंध प्रांत से 27 अक्टूबर को आजादी मार्च शुरू किया था। इसके आज इस्लामाबाद पहुंचने का कार्यक्रम है।
रहमान ने इमरान पर धांधली कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। उन्होंने खान पर आर्थिक कुप्रबंधन, अकुशल एवं खराब शासन के चलते आम लोगों की जिंदगी को दुष्कर बनाने का आरोप भी लगाया है। ‘आजादी मार्च’ के सकुर, मुल्तान और लाहौर सहित विभिन्न शहरी इलाकों से गुजरने के दौरान रहमान के और समर्थक इससे जुड़ते चले गए। इस दौरान वह भीड़ को संबोधित भी करते रहे।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को रेड जोन में प्रवेश करने से रोकने के लिए शिपिंग कंटेनर के अलावा कंटीले तार भी लगाए गए हैं। रेड जोन में ही अहम सरकारी इमारतों के साथ विदेशी दूतावास मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त पुलिस कर्मियों और अर्धसैनिक बलों की भी इस्लामाबाद में तैनाती की गई है।
डान अखबार की खबर के अनुसार सरकार ने राजधानी के संवेदनशील इलाकों में सेना के जवानों की तैनाती की है ताकि विपक्ष के शक्तिप्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था कायम रखी जा सके। इस्लामाबाद के स्थानीय प्राशासन ने पेशावर मोड़ इलाके में एक विशाल मैदान को प्रदर्शनकारियों के एकत्र होने एवं रैली करने के लिए निर्धारित किया है।
गृह मंत्रालय की बुधवार को हुई बैठक में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा एवं उन्हें निर्धारित रास्ते से ही भेजने के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था करने का फैसला किया। इसके तहत पहली पंक्ति में पुलिस होगी, उसके पीछे अर्धसैनिक बल के जवान तैनात होंगे और तीसरी पक्ंति में सेना के जवानों की तैनाती अहम इमारतों में की जाएगी।
अभी यह तय नहीं है कि प्रदर्शनकारी रैली के बाद वापस लौट जाएंगे या फिर मांग पूरी होने तक वहीं बैठे रहेंगे। इस बीच, खान और उनकी पार्टी ने इस्तीफा देने की मांग को खारिज कर दिया है लेकिन अन्य मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया है।