इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के समय पर आपत्ति जताते हुए कहा कि करतारपुर गलियारे के उद्घाटन के खुशी के मौके पर इस तरह का फैसला असंवेदनशीलता को दिखाता है और हम इससे बहुत दुखी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सर्वसम्मति से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने का फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मुस्लिमों को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने का भी निर्देश दिया है।
कुरैशी ने कहा कि क्या फैसला सुनाने के लिए कुछ दिन का इंतजार नहीं किया जा सकता था। इस खुशी के मौके पर इस तरह की असंवेदनशीलता से वह काफी दुखी हैं। उन्होंने कहा कि भारत को इस खुशी के मौके पर भागीदार बनना चाहिए था, दुनिया का ध्यान यहां से हटाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अयोध्या विवाद एक संवेदनशील मुद्दा है और करतारपुर गलियारा खुलने के इस खुशी के दिन में इसे हिस्सा नहीं बनने देना चाहिए था।
विदेश मंत्री ने कहाकि मुस्लिम समाज पहले से ही भारत में भारी दबाव में है और भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाया गया यह फैसला उन पर और दबाव बढ़ाने वाला है। कुरेशी ने कहा कि पाकिस्तान इस फैसले को विस्तृत रूप से पढ़ने के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया देगा।
अयोध्या मामले में आए फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कुरैशी ने कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट पर बेपनाह दबाव है। इस फैसले से भारतीय अदालत ने एक नई बहस छेड़ दी है और इसके साथ गांधी और नेहरू का भारत दफन हो गया है। इस फैसले के बाद कश्मीर की आग और भड़केगी। नफरत के बीज बोना बहुत खतरनाक खेल है। विज्ञान और तकनीकी मंत्री फवाद हुसैन ने इस फैसले को शर्मनाक, घृणित, अवैध और अनैतिक बताया है।
(स्रोत : पीटीआई/आईएनएएस)