इस्लामाबाद: लाहौर उच्च न्यायालय ने शनिवार को पाकिस्तान के गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह इस्लाम कबूल कर लाहौर के एक व्यक्ति से शादी करने वाली और नागरिकता व वीजा के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाली भारतीय सिख महिला के भाग्य पर 30 दिनों के अंदर फैसला ले। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, "पंजाब के होशियारपुर की तीन बच्चों की मां किरणबाला ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में भी इस संबंध में आवेदन भेजा है। उच्च न्यायालय ने हालांकि भारतीय महिला की वीजा अवधि 30 दिनों के लिए बढ़ा दी और गृह मंत्रालय को आदेश दिया कि वह इस पर निर्णय करे कि क्या महिला छह माह के वीजा विस्तार के योग्य है।" (आलोचना करने वाले मीडिया संस्थानों को परेशान कर रही है भारत सरकार: अमेरिका )
किरणबाला 12 अप्रैल को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रतिनिधिमंडल के साथ धार्मिक यात्रा पर पाकिस्तान गई थी और कथित रूप से वह 16 अप्रैल को लापता हो गई थी। वह 21 अप्रैल तक वैधता वाली भारतीय वीजा पर पाकिस्तान गई थी। लेकिन बाद में उसने इस्लाम कबूल कर लिया और एक पाकिस्तानी नागरिक मुहम्मद आजम से निकाह कर लिया। महिला के परिजनों का आरोप है कि वह पाकिस्तान में आईएसआई के हत्थे चढ़ गई होगी और उसे जबरन इस्लाम कबूल करना पड़ा और दोबारा शादी करनी पड़ी।
परिजनों ने कहा कि किरणबाला के लापता होने के बाद उनलोगों ने उससे किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं की है और उन्हें वर्तमान स्थिति का पता नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी वीजा की अवधि बढ़ाए जाने के उसके आवेदन में उसका नाम आमना बीवी वर्णित है और उसने अमिनिया नाम से अपने हस्ताक्षर किए हैं। उसने भारत में खुद की हत्या की आशंका पर पाकिस्तानी गृह मंत्रालय से वीजा अवधि बढ़ाने की मांग की है। पाकिस्तानी कानून के अनुसार, किरणबाला एक माह तक पाकिस्तान में रह सकती है और अगर उसे छह माह का वीजा विस्तार मिल जाता है, तो वह पाकिस्तानी नागरिकता हासिल करने के योग्य हो जाएगी।