इस्लामाबाद: पाकिस्तान नेशनल असेंबली की दोनों कमेटियों की संयुक्त बैठक के दौरान एकमत से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें भारत में 2 'विवादित' परियोजनाओं पर चल रहे कार्य को तत्काल निलंबित करने तथा दोनों देशों के बीच जल विवाद के निपटारे के लिए एक मध्यस्थता न्यायालय के गठन की मांग की गई है।
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एक पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक, विदेश तथा जल व विद्युत मामले की कमेटी द्वारा शुक्रवार को पारित प्रस्ताव में विश्व बैंक से मांग की गई है कि वह भारत के किशनगंगा तथा रातले पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा उठाए गए मुद्दों पर निर्णय के लिए एक मध्यस्थता अदालत का गठन करे। रिपोर्ट के मुताबिक, सिंधु जल समझौते (IWT) के तहत यह विश्व बैंक की जिम्मेदारी है कि वह बिना विलंब किए इसमें हस्तक्षेप करे।
कमेटी ने आग्रह करते हुए कहा, ‘विश्व बैंक जब तक मध्यस्थता अदालत का गठन नहीं करता, उसे भारत को इस बात के लिए मनाना चाहिए कि मुद्दे के समाधान तक वह रातले बांध पर निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाए।’ पश्चिमी नदियों पर भारत द्वारा बांधों के निर्माण से दोनों देशों के बीच तनातनी है और बांधों के निर्माण को रोकने के लिए पाकिस्तान ने विश्व बैंक से गुहार लगाई है, जो IWT समझौते में पैरोकार रहा है।