इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार से संबंधित संपत्ति के मामले में सबूत जुटाने के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) की एक टीम लंदन के लिए रवाना हो सकती है। मीडिया को यह जानकारी मंगलवार को दी गई। एक आधिकारिक सूत्र ने डॉन न्यूज को बताया कि एक आपसी कानून के समझौते के सिलसिले में ब्रिटिश अधिकारियों को लिखे पत्र के मद्देनजर ब्यूरो अपनी टीम भेज रही है। सूत्र ने कहा, ‘चूंकि NAB को अभी तक ब्रिटिश अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिला है, फिर भी इसने व्यक्तिगत रूप से इस मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।’
सूत्र ने यह भी कहा कि टीम शुक्रवार से पहले लौटना सुनिश्चित करेगी, क्योंकि उसे जवाबदेही अदालत में शरीफ, उनकी बेटी मरियम और बेटों- हसन व हुसैन पर चल रहे अभियोग के संबंध में रिपोर्ट सौंपना है। संयुक्त जांच टीम की रिपोर्ट के 'वॉल्यूम-10' में कहा गया है कि शरीफ के परिवार और विभिन्न विदेशी सरकारों के बीच पारस्परिक कानूनी व्यापार समझौते हुए हैं। इस बीच एनएबी ने हसन और हुसैन के लिए इंटरपोल से रेड वारंट पाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आपको बता दें कि पनामा पेपर्स कांड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 जुलाई को अयोग्य करार दिए जाने के बाद शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा था।
एनएबी के उप अभियोजक जनरल चौधरी खालिकुज जमान ने कहा कि चूंकि शरीफ के बेटे अपराधी घोषित हो चुके हैं, इसलिए पाकिस्तान में उनकी संपत्तियों को अटैच किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बार रेड वारंट जारी हो जाने पर एनएबी इस मामले को ब्रिटिश अधिकारियों के समक्ष उनके प्रत्यर्पण के लिए उठाएगा। वर्तमान में पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। जवाबदेही अदालत ने बार-बार अपने समक्ष पेश नहीं होने पर सोमवार को हसन और हुसैन को भगोड़ा घोषित कर दिया।