बीजिंग: चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने 26 मार्च को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन का लक्ष्य कभी भी अमेरिका को पार करना नहीं रहा है, बल्कि खुद को लगातार पार करना और एक बेहतर चीन बनना ही है। रिपोर्टों के अनुसार, 25 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अमेरिका चीन के प्रतिरोध की तलाश नहीं करता है, बल्कि अमेरिका और चीन बहुत जबरदस्त प्रतिस्पर्धा करेंगे। उन्होंने चीन से अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करने की मांग की।
‘चीन को अमेरिका से आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा’
बाइडेन ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनके कार्यकाल के दौरान, चीन को अमेरिका से आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा। इस बारे में हुआ चुनयिंग ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि हित संबंधी क्षेत्रों में चीन और अमेरिका के बीच प्रतिस्पर्धा मौजूद है। अहम यह है कि निष्पक्ष और न्याय के आधार पर प्रतिस्पर्धा हो, जो खुद को आगे ले जाए, एक-दूसरे को रोशन करे, साथ ही जीवन-मरण का संघर्ष या शून्य-जमाखेल न करे। चीन व अमेरिका या दुनिया के लोगों के सामान्य हितों के मद्देनजर सहयोग चीन और अमेरिका का मुख्य लक्ष्य बनना चाहिए।
‘चीन अच्छा छात्र है जबकि अमेरिका बुरा छात्र है’
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह मामला मौजूद नहीं है कि अमेरिका ने चीन से अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करने की मांग की, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करने में चीन मॉडल छात्र, शीर्ष छात्र है, जबकि अमेरिका बुरा छात्र है। चीन लोक-केंद्रित अवधारणा अपनाता है, जो अमेरिकी चुनावी राजनीति और पार्टियों के राजनीतिक हित को केंद्र बनाने के विपरीत है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीन सरकार तहेदिल से सभी चीनी लोगों की सेवा करती है। चीन सरकार की संतुष्टि और समर्थन दर कई वर्षों से 90 प्रतिशत से अधिक रही है। चीन दृढ़ता के साथ चीनी विशेषता वाले समाजवाद के रास्ते पर चलता रहेगा। (IANS)