सियोल: उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को कहा कि वह अवैध प्रवेश को लेकर हिरासत में लिए गए एक अमेरिकी नागरिक को स्वदेश वापस भेजेगा। इसके साथ ही उसने एक नव-विकसित, लेकिन अनिर्दिष्ट अत्याधुनिक हथियार का परीक्षण करने की घोषणा भी की। अमेरिकी नागरिक को स्वदेश वापस भेजने और साथ ही नए हथियार के परीक्षण की उत्तर कोरिया की घोषणाओं को वाशिंगटन के तुष्टीकरण तथा साथ ही उसे चिढ़ाने पर केंद्रित माना जा रहा है। उसकी एक घोषणा से लगता है कि वह वार्ता को कायम रखना चाहता है, वहीं उसकी दूसरी घोषणा को थमी हुई परमाणु कूटनीति पर उसकी निराशा माना जा रहा है। उत्तर कोरिया विगत में अमेरिकी नागरिकों की हिरासत अवधि बढ़ाता रहा है। उनकी रिहाई के लिए अमेरिका के उच्चाधिकारियों की प्योंगयांग यात्राओं के बाद उसके रवैये में कुछ बदलाव हुआ है।
उत्तर कोरिया ने अमेरिकी विश्वविद्यालय के छात्र ओट्टो वार्मबियर को 17 महीने तक हिरासत में रखने के बाद कोमा की हालत में पिछले साल रिहा किया था, लेकिन रिहाई के कुछ दिन बाद ही उसकी मौत हो गई थी। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (के सी एन ए) ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी नागरिक ब्रूस बिरोन लॉरेंस को चीन से उत्तर कोरिया में अवैध प्रवेश के आरोप में 16 अक्टूबर को हिरासत में लिया गया था। इसने कहा कि उसने जांचकर्ताओं को बताया कि वह अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के निर्देश पर उत्तर कोरिया में घुसा था। यह स्पष्ट नहीं है कि उत्तर कोरिया द्वारा बताई गई व्यक्ति के नाम की स्पेलिंग सही है या नहीं। विगत में वह नामों की गलत स्पेलिंग बताता रहा है।
के सी एन ए ने कहा कि उत्तर कोरिया ने लॉरेंस को रिहा करने का फैसला किया है, लेकिन यह नहीं बताया कि उसे कब और क्यों रिहा किया जाएगा। उत्तर कोरिया ने अपने नेता किम जोंग उन की 12 जून को सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने वाली मुलाकात से पहले मई में सद्भावना के तौर पर तीन अमेरिकी बंदियों को रिहा किया था। ये तीनों लोग अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपिओ के साथ एक विमान से स्वदेश पहुंचे थे। शिखर सम्मेलन के कुछ हफ्ते बाद उत्तर कोरिया ने 1950-53 के कोरिया युद्ध में मारे गए दर्जनों परिकल्पित अमेरिकी सैनिकों के अवशेष वापस किए थे।
के सी एन ए ने इससे पहले कहा कि किम ने एक अनिर्दिष्ट नव-विकसित अत्याधुनिक रणनीतिक हथियार का सफल परीक्षण किया। हालांकि इसने इस बारे में उल्लेख नहीं किया कि यह कौन सा हथियार था। यह किसी परमाणु हथियार या अमेरिका को निशाना बना सकने की क्षमता वाली लंबी दूरी की किसी मिसाइल का परीक्षण नहीं लगता। विशेषज्ञों का कहना है कि हथियार परीक्षण अमेरिका नीत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों तथा दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच जारी छोटे स्तर के सैन्य अभ्यासों पर संभवत: उत्तर कोरिया की नाराजगी की अभिव्यक्ति है।